सामान्यप्रश्न (द्विभाषिक)



अपने सामान्य प्रश्न के समाधान जानने के लिए श्रेणी और उपश्रेणी का चयन करें.


श्रेणी चुनना:   उपश्रेणी चुनना:  

उत्तर : जी नहीं इसकी अनुमति नहीं है। ऐसी कोई कटौती एक दंडनीय अपराध है
उत्तर : जी नहीं, यह कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्र.उ. अधिनियम, 1952 की धारा 12 के अंतर्गत विशेष रूप से प्रतिबंधित है।
उत्तर : बकाया राशि का वसूली के पश्चात, भ.नि. सदस्यों को प्रत्येक देय महीने के लिए पूर्ण ब्याज दिया जाएगा और यह, भुगतान किए गए अंशदान पर सदस्यों को देय ब्याज को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करेगा। नियोक्ता पर क्रमशः अधिनियम की धारा 7 क्यू के तहत दांडिक ब्याज और धारा 14 बी के तहत दांडिक नुकसानी का जुर्माना लगाया जाएगा।
उत्तर : जी नहीं, नियोक्ता एवं वेतन के बगैर कोई वसूली नहीं की जा सकती। सदस्य द्वारा किया गया कोई भी अंशदान नियोक्ता के अंशदान के समतुल्य होना चाहिए।
उत्तर : वार्षिक भ.नि. खाता विवरणी / सदस्य पासबुक, नियोक्ता द्वारा भुगतान की गई राशि का विवरण देता है। इस प्रकार, सदस्यों को वर्ष में चूक की अवधि का पता चलता है। वर्तमान परिदृश्य में, यदि सदस्य ने अपने यूएएन को सक्रिय किया है तो अंशदान का गैर-भुगतान / भुगतान, ई-पासबुक के माध्यम से हर महीने सत्यापित किया जा सकता है। वर्तमान में, सदस्य अपने भ.नि. खाते में मासिक अंशदान के जमा होने पर अपने पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस भी प्राप्त करते हैं।
उत्तर : वह क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, प्रभारी शिकायत से संपर्क कर सकता है, फॉर एंप्लाइज’ सेक्शन में ईपीएफआईजीएमएस सुविधा का लाभ उठाते हुए वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कर सकता है। शिकायत पृष्ठ के लिए यूआरएल है : https://epfigms.gov.in/ अथवा प्रत्येक माह की 10 तारीख को आयोजित ‘निधि आप के निकट’ में वह आयुक्त के समक्ष उपस्थित हो सकता है।
उत्तर : केवल सेवा से त्यागपत्र (सेवानिवृत्ति नहीं) के मामले में सदस्य को भविष्य निधि की राशि की निकासी के लिए दो माह की अवधि तक प्रतीक्षा करनी होती है।
उत्तर : आवेदन फार्म को सत्यापित करना नियोक्ता का कर्तव्य है। किसी प्रकार के विवाद के मामले में सदस्य उस बैंक जिसमें उसका खाता है, नियोक्ता से सत्यापन न कराने के कारण बताते हुए, इसे क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त को प्रस्तुत कर सकता है। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त आवश्यकतानुसार नियोक्ता के साथ मामला उठाएगा। यदि सदस्य ने अपना यूनिवर्सल खाता संख्या सक्रिय किया है और अपने बैंक खाते और आधार को लिंक किया है तो वह कंपोजिट फॉर्म (आधार) प्रस्तुत कर सकता है जिसमें केवल सदस्य के हस्ताक्षर आवश्यक होते हैं।
उत्तर : नौकरी बदलने पर, सदस्य को फार्म 13 (आर) प्रस्तुत कर निश्चित रूप से अपनी वर्तमान स्थापना में अपना भविष्य निधि खाता अंतरित करना चाहिए। एकीकृत पोर्टल पर सदस्य इंटरफेस को प्रयोग में लाते हुए सदस्य अंतरण का दावा प्रस्तुत कर सकता है।
उत्तर : प्रत्येक वर्ष के लिए घोषित वैधानिक दर पर मासिक चालू शेष के आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज जमा कर दिया जाता है। वर्ष 2016-17 के लिए घोषित ब्याज 8.65% है।
उत्तर : जी नहीं, परंतु आवास आदि के लिए नॉन रिफंडेबल ऋण उपलब्ध है ।
उत्तर : उसकी सदस्यता की गणना प्रत्येक स्थापना के लिए पृथक रूप से की जाती है। (विभिन्न भविष्य निधि खाता संख्या /सदस्य आईडी के अंतर्गत)
उत्तर : भविष्य निधि का सदस्य बनने के लिए उम्र का कोई प्रतिबंध नहीं है। जबकि ऐसा कर्मचारी जो 58 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुका है पेंशन निधि का सदस्य नहीं बन सकता।
उत्तर : ऐसे कर्मचारी जो रु 15000/- तक का मूल वेतन और महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं, केवल वे ही सदस्य बनने के पात्र हैं। वे तब भी सदस्य बने रहेंगे जब उनका वेतन रुपए 15,000/- से अधिक हो जाएगा। हालांकि निधि में उनका अंशदान रु 15000/- तक सीमित रहेगा नियोक्ता को भी इससे मेल खाते अपने अंशदान रु 15000/- के अनुसार भुगतान करना होगा। रुपए 15,000/- से अधिक वेतन प्राप्त कर रहे कर्मचारी भी कर्मचारी भविष्य निधि योजना पैरा 26(6) के अंतर्गत विकल्प देकर कर्मचारी भविष्य निधि के सदस्य बन सकते हैं। यह विकल्प ऐसे सदस्य के नौकरी में लगने के छ: माह के भीतर कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में जमा करना होता है।
उत्तर : जी नहीं, प्रशिक्षण की समाप्ति पर उसे तत्काल नांमाकित किया जाना चाहिए।
उत्तर : ऐसे कर्मचारी को सदस्य बनना अपेक्षित नहीं है, यदि वह पहले से सदस्य नहीं है। अन्यथा यदि नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों इच्छुक हैं तो वह कर्मचारी भविष्य निधि योजना के पैरा 26(6) के अंतर्गत विकल्प देकर सदस्य बन सकता है। यह विकल्प ऐसे सदस्य के नौकरी में कार्यग्रहण के छ: माह के भीतर कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में जमा करना होता है।
उत्तर : उसके पिछले खाते से भविष्य निधि अंतरण हेतु उसे नई स्थापना में सदस्य के रूप में नामांकित किया जाना अपेक्षित है।
उत्तर : जी हां। यदि कोई सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने के पश्चात भी रोजगार में रहता है।
उत्तर : कर्मचारी को प्राइवेट भविष्य निधि ट्रस्ट का सदस्य बनने की अनुमति दी जा सकती है परंतु ट्रस्ट को कर्मचारी भविष्य निधि योजना से छूट लेनी पड़ेगी। हालांकि उस पर पेंशन एवं ईडीएलआई योजनाएं लागू रहेंगी। सभी प्राइवेट भविष्य निधि ट्रस्टों को आयकर लाभ उठाने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से छूट प्राप्त करनी होगी।
उत्तर : सदस्यता की अवधि की कोई सीमा नहीं है। स्थापना छोड़ने के पश्चात भी, व्यक्ति अपनी सदस्यता जारी रख सकता है। तथापि यदि भविष्य निधि खाते में लगातार तीन वर्ष अंशदान प्राप्त नहीं होता है तो अंशदान बंद होने के पश्चात 3 वर्ष की अवधि के बाद खाते पर ब्याज नहीं लगेगा।
उत्तर : बेरोजगारी की अवधि से कर्मचारी भविष्य निधि पर प्रभाव नहीं पड़ता है परंतु इससे कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत लाभों के लिए सेवा की अवधि की गणना पर प्रभाव पड़ता है।
उत्तर : इस अवधि के दौरान सदस्यता बनी रहेगी और वेतन न होने के कारण अंशदान की कटौती नहीं होगी।
उत्तर : जी नहीं । यह केवल क.भ.नि. एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के उपबंधों के तहत कवर्ड स्थापना में रोजगार के माध्यम से हो सकता है।
उत्तर : यदि सुरक्षा गार्ड के नियोक्ता को अधिनियम के तहत लाया गया है, तो उसके कार्यस्थल को ध्यान में रखे बिना नियोक्ता के माध्यम से उसे सदस्यता दी जाएगी।
उत्तर : जी हां। बहुसंख्यक कर्मचारी और नियोक्ता स्वैच्छिक रूप से अधिनियम की धारा-1 (4) (स्वैच्छिक कवरेज) के उपबंधों के अनुसार योजना में शामिल होने का विकल्प चुन सकते हैं।
उत्तर : क.भ.नि. में शामिल होने पर, सदस्य को पेंशन (रु. 15,000/- या उससे कम मासिक वेतन वाले कर्मचारियों के लिए सीमित) तथा कर्मचारी निक्षेप सहबद्ध बीमा योजना के तहत लाभ प्रदान किए जाते हैं ।
उत्तर : उसे केवल भ.नि. में शामिल होना है और वह पेंशन योजना का सदस्य नहीं बन सकता है।
उत्तर : सदस्यता उसके भविष्य निधि के बकाए की निकासी तक बरकरार रखी जा सकती है । तथापि, यदि खाते में 3 वर्ष से अधिक समय तक कोई अंशदान प्राप्त नहीं होता है, तो तीसरे वर्ष के बाद खाते में ब्याज जमा नहीं किया जाएगा
उत्तर : पेंशन सदस्य की मृत्यु होने पर (पेंशन प्राप्त होने से पूर्व), यदि परिवार का कोई पात्र सदस्य नहीं है, तो पेंशन नामिति को देय है।
उत्तर : पेंशन का भुगतान आश्रित माता-पिता, (आश्रित पिता के पश्चात् आश्रित माता) को किया जाता है।
उत्तर : जी हां, परंतु ‘परिवार’ प्राप्त करने पर नामांकन अवैध हो जाता हैं और कर्मचारी पेंशन योजना, 95 के अंतर्गत लाभों का भुगतान पति /पत्नी तथा बच्चों, यदि कोई हो, को किया जाता है।
उत्तर : पेंशन = (पेंशनयोग्य वेतन (पिछले 60 माह का औसत) X पेंशनयोग्य सेवा) / 70
उत्तर : कोई भी सदस्य जो 23 वर्ष की आयु में कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 की सदस्यता ग्रहण करता है और 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होता है, और (वर्तमान) वेतन सीमा ₹15000/- पर अंशदान कर रहा है, वह रुपए 7500/- पेंशन प्राप्त कर सकता है, यदि पेंशनयोग्य सेवा 35 वर्ष हो।
(पेंशनयोग्य वेतन X पेंशनयोग्य सेवा) / 70 = (15000 X 35) / 70 = 7500
उत्तर : औसत वेतन का निर्धारण केवल सदस्य को पेंशन देने के लिए किया जाता है। यह पिछले 60 माह का औसत है। (गैर अंशदायी अवधि, यदि कोई हो, घटा दी जाती है।)
उत्तर : 1) यह रोजगार में परिवर्तन होने पर पेंशन खातों के अंतरण की सुविधा देता है।
2) यदि योजना प्रमाण पत्र धारक की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को परिवार पेंशन प्राप्त होगी।
उत्तर : मिलिट्री पेंशन के अतिरिक्त परिवार पेंशन देय है अर्थात् सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 54 के अंतर्गत परिवार पेंशन। (27.07.2001 से प्रभावी)
उत्तर : व्यक्तिगत रूप से कोई सदस्य पेंशन योजना से छूट नहीं प्राप्त कर सकता। केवल एक स्थापना ही छूट प्राप्त कर सकती है।
उत्तर : कोई भी सदस्य अधिवर्षिता की आयु 58 वर्ष पूर्ण करने पर पेंशन का पात्र है। यदि कोई सदस्य 50 से 57 वर्ष के बीच नौकरी छोड़ देता है तो वह पूर्व समय (घटी हुई) पेंशन प्राप्त कर सकता है।
उत्तर : सदस्य की मृत्यु होने पर, परिवार पेंशन तथा संतान पेंशन एक माह का अंशदान (माह के भाग सहित) भी पेंशन निधि में प्राप्त होने पर देय है।
उत्तर : सदस्य की मृत्यु होने पर, पेंशन स्वत: ही (विधवा/ विधुर) को देय है। इसके अलावा, बच्चे भी 25 वर्ष की आयु (एक समय पर 2) तक इसके पात्र हैं। दो संतान पेंशन के अतिरिक्त परिवार में कोई अशक्त बच्चा जीवन पर्यंत अशक्तता पेंशन प्राप्त करेगा।
उत्तर : नियोक्ता द्वारा पेंशन अंशदान का भुगतान न करने से पेंशन देने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पेंशन की गारंटी है।
उत्तर : पेंशन का निर्धारण करने के लिए सदस्य के वेतन तथा सेवा को समेकित किया जाता है।
उत्तर : सदस्य को आवेदन प्रपत्र में जब से वह समय पूर्व पेंशन प्राप्त करना चाहता है, उस तिथि के संबंध में अपने विकल्प देना होता है। यदि दावा प्रपत्र में कोई तिथि नहीं दी जाती है तो आवेदन की तिथि को ही चयनित तिथि माना जाएगा।
उत्तर : जो सदस्य 58 वर्ष की आयु के बाद भी सेवा में रहता है वह 58 वर्ष की आयु से पेंशन प्राप्त कर सकता है। यदि कोई पेंशनभोक्ता जो समय पूर्व पेंशन प्राप्त कर रहा है, इसके पश्चात् रोजगार में आता है, ऐसे मामलों में वह पेंशन योजना का सदस्य बनने का पात्र नहीं होगा। नियोक्ता की ओर से किया जाने वाला 8.33% अंशदान कर्मचारी भविष्य निधि फंड में जाएगा।
उत्तर : नहीं । कोई भी सदस्य अपनी भविष्य निधि राशि (केवल सदस्य का भाग) की निकासी कर सकता है और योजना प्रमाण पत्र प्राप्त करके पेंशन योजना में ग्रहणाधिकार रख सकता है।
उत्तर : जी हां। सामान्य रूप से, जन्म तिथि / आयु एक बार दर्ज होने के बाद नहीं बदले जाते, तथापि, इसे उचित दस्तावेजी प्रमाण के साथ बदला जा सकता है। आप हमारी वेबसाइट (https://www.epfindia.gov.in/site_docs/PDFs/Circulars/Y2020-2021/circular on date of birth 0302020.pdf) पर जन्मतिथि के बदलाव संबंधी क.भ.नि. एवं क.पें.यो. के सदस्यों के लिए उपलब्ध, दिनांक 03/04/2020 के परिपत्र में दिए गए दिशानिर्देश देख सकते हैं।
उत्तर : वैवाहिक स्थिति की प्रासंगिकता नहीं है, यदि संतान 25 वर्ष से कम आयु की है; सदस्य की मृत्यु होने पर वे परिवार पेंशन प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
उत्तर : यदि दूसरा विवाह कानूनी रूप से वैध है तो विवाह की तिथि के संदर्भ में यह पहली पत्नी को देय है और उसकी मृत्यु होने पर, अगली जीवित विधवा को देय है।
उत्तर : नहीं, सदस्य की मृत्यु होने की तारीख से परिवार के सदस्य के न होने पर (सदस्य पेंशन की पात्रता से पहले), परिवार पेंशन नामिती को देय है और वैध नामांकन के न होने पर यह आश्रित पिता, उसके बाद आश्रित माता को देय है। एक बार सदस्य द्वारा पेंशन प्राप्त किए जाने के बाद नामांकन की कोई वैधता नहीं है। पेंशनभोक्ता किसी व्यक्ति को नामांकित नहीं कर सकता।
उत्तर : बेरोजगारी को अवधि को वास्तविक सेवा से बाहर रखा जाएगा। पेंशन केवल अंशदायी सेवा पर आधारित है।
उत्तर : नहीं । पति/ पत्नी स्वत: ही लाभार्थी होते हैं जब तक कि वे कानूनी रूप से तलाकशुदा न हो।
उत्तर : रोजगार के दौरान स्थायी और पूर्ण रूप से अशक्त, कपेंयो-95 सदस्य, उम्र और सेवा पर विचार किए बिना, पेंशन का हकदार होगा। इस प्रावधान के अंतर्गत लाभ हेतु आवेदन करने वाले सदस्य को, यह निर्णय करने के लिए कि वह अशक्तता होने के समय कर रहे रोजगार के लिए स्थायी और पूर्ण रूप से अशक्त है, केंद्रीय बोर्ड द्वारा निर्धारित चिकित्सा जांच करानी होगी।
उत्तर : कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के तहत पेंशन और परिवार पेंशन सामाजिक सुरक्षा लाभ हैं। इसे जरूरत आधारित लाभ के रूप में देखा जाता है। यह सदस्य द्वारा दिए गए अंशदान की मात्रा से संबंधित नहीं है। 58 वर्ष की आयु प्राप्त करने के पश्चात पेंशनभोक्ता को अपने जीवनसाथी की देखभाल करनी होती है और उसकी अनुपस्थिति में दायित्व एक व्यक्ति तक सीमित होता है। अत: पेंशन का 50% देय है। जबकि ऐसे सदस्य (गैर-पेंशनभोक्ता) के मामले में, जिसकी मृत्यु के पश्चात उसका/की पति/पत्नी, एवं बच्चे, जिन्हें अभी अपनी शिक्षा पूर्ण करनी है, अथवा उनका विवाह होना है, और सदस्य की समय से पूर्व मृत्यु को देखते हुए, गैर-पेंशनभोक्ता की विधवा को दी जाने वाली पेंशन की राशि अधिक होती है।
उत्तर : विधवा / विधुर को दी जा रही पेंशन रोक दी जाएगी और उसके पश्चात बाल पेंशन को अनाथ पेंशन (विधवा पेंशन का 75%) में परिवर्तित कर दिया जाएगा।
उत्तर : विधवा/विधुर के पुनर्विवाह या मृत्यु तक पेंशन का भुगतान किया जाता है।
उत्तर : पहली और दूसरी पत्नी, दोनों के बच्चों को उनके जन्म की तारीख के क्रम में व्यवस्थित किया जाना चाहिए और फिर बच्चों की पेंशन की अनुमति, 25 वर्ष से कम उम्र के, सबसे ज्यादा उम्र के दो बच्चो को दी जाती है ।
उत्तर : जी नहीं। विधवा और बच्चों द्वारा एक ही बैंक और शाखा में पेंशन प्राप्त की जानी चाहिए।
उत्तर : ऐसा सदस्य जिसकी सेवा 10 वर्ष या उससे अधिक है और उसने 58 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं की है, उसे अनिवार्य रूप से योजना प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। ऐसा सदस्य जिसकी सेवा 10 वर्ष से कम है, अपनी पेंशन सेवा को आगे जोड़ने के लिए योजना प्रमाण पत्र का लाभ उठा सकता है, परन्तु ऐसे सदस्य के लिए यह अनिवार्य नहीं है।
उत्तर : कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के तहत पेंशन पाने वाले सभी पेंशनभोक्ताओं द्वारा, उस माह, जिसमें पेंशन स्वीकृत की गई थी, अथवा प्रमाणपत्र जमा करने की तिथि के 12 माह के पश्चात, बैंक प्रबंधक / राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित जीवन/ पुनर्विवाह न करने संबंधी प्रमाणपत्र देना आवश्यक है। भौतिक जीवन प्रमाण पत्र उस बैंक में जमा करना होता है, जिसके माध्यम से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। एक वर्ष के पश्चात जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहने के परिणामस्वरूप, अंतिम जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की तिथि से 12 माह के पश्चात पेंशन, अथवा नए पेंशनभोक्ताओं के मामले में पेंशन की मंजूरी, को रोक दिया जायेगा । भौतिक जीवन प्रमाण पत्र के स्थान पर ‘डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट’ (डीएलसी) को वित्तीय वर्ष 2015-16 से आरम्भ किया गया है। अब पेंशनभोक्ता डीएलसी जमा करने के लिए अपने आधार नंबर का उपयोग कर सकते हैं। डीएलसी जमा करने की सुविधा ‘कॉमन सर्विस सेंटर्स’ (सीएससी), पेंशन वितरण बैंकों की शाखाओं, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंकों (आईपीपीबी) के माध्यम से डाकघरों के साथ-साथ पीएफ कार्यालयों में उपलब्ध है।
उत्तर : जी हाँ। लेकिन यह सलाह दी जाती है कि सदस्य को 10 साल की पेंशन योग्य सेवा पूरी करनी चाहिए ताकि वह कपेंयो 1995 के अंतर्गत 50 वर्ष की आयु (समयपूर्व/ घटी दर से पेंशन) अथवा 58 वर्ष (अधिवर्षिता) प्राप्त करने पर पेंशन के लिए पात्र हो जाए।
उत्तर : जी हाँ। पेंशन योजना के अंतर्गत लाभ, कपेंयो के सदस्य, 1995 द्वारा दिए गए अंशदान का प्रत्यक्ष परिणाम है; इसलिए, यदि माता-पिता दोनों सदस्य थे और उक्त योजना में स्वतंत्र रूप से अंशदान दिया है, तो अनाथ अलग से दो पेंशन के पात्र होंगे। हालाँकि, कर्मचारी पेंशन योजना की सामान्य सीमा के प्रावधान लागू रहेंगे ।
उत्तर : स्थापना द्वारा कर्मचारी पेंशन कोष 1995 अंशदान में किसी भी अवधि के लिए चूक के संबंध में, , सदस्य को चूक की अवधि के लिए, आहरण लाभ का भुगतान नहीं किया जाएगा। सदस्य केवल उस अवधि के लिए निकासी लाभ का हकदार जिस अवधि के लिए अंशदान प्राप्त होता है।
उत्तर : जी हां, सदस्य के पास पेंशन को 58 वर्ष से आगे विलंब करने का विकल्प उपलब्ध है: 1) सदस्य 59 या 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद पेंशन प्राप्त करने का विकल्प चुन सकता है, परन्तु पेंशन का अंशदान 58 वर्ष के पश्चात रुक जाता है। इस परिदृश्य में, पेंशन की मात्रा में 58 वर्ष से आगे, प्रति वर्ष 4% की वृद्धि होती है। 2) सदस्य 59 या 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद पेंशन प्राप्त करने का विकल्प चुन सकता है लेकिन पेंशन का अंशदान 58 वर्ष के बाद भी जारी रहता है। ऐसे परिदृश्य में पेंशन की मात्रा, ऊपर उल्लिखित पहले मामले की तुलना में अधिक होगी।
उत्तर : जी नहीं, केवल सेवा के दौरान मृत्यु के मामले में स्वीकार्य ।
उत्तर : ईडीएलआई का लाभ, क.भ.नि. बकाया प्राप्त करने के लिए पात्र व्यक्तियों को देय है।
उत्तर : ईडीएलआई योजना, 1976 के अंतर्गत बीमा लाभ का भुगतान केवल सेवा में रहते हुए, सदस्य की मृत्यु पर, नामांकित व्यक्ति / कानूनी उत्तराधिकारी को देय है ।
उत्तर : वर्तमान में, अधिकतम बीमा लाभ रु. 6000,00/- है।
उत्तर : प्रत्येक क्षेत्र के लिए अधिसूचित बैंकों के माध्यम से कोर बैंकिंग सॉल्यूशन के माध्यम से पेंशन देय है।
उत्तर : यूएएन 12 अंकों की संख्या है जो ईपीएफओ के हर सदस्य को दी गई है । किसी एक व्यक्ति को आबंटित कई सदस्य आईडी के लिए यूएएन एक अम्ब्रेला के रूप में कार्य करता है। एक यूनिवर्सल खाता संख्या के अंतर्गत किसी एक सदस्य को आबंटित कई सदस्य पहचान संख्या (सदस्य आईडी) को लिंक करने के लिए यह संख्या प्रमुख आधार है। केवाईसी विवरण के साथ सीड किए गए यूएएन द्वारा सदस्य, नियोक्ता के हस्तक्षेप के बिना विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकता है।
उत्तर : जब भी कोई नया कर्मचारी किसी स्थापना में कार्यभार संभालता है, नियोक्ता कर्मचारी के मूल विवरण एवं आधार उपलब्ध कराकर यूएएन सृजित कर सकता है। तथापि, यदि यूएएन पहले से सृजित नहीं किया गया है, तो कोई भी व्यक्ति अपने आधार का प्रयोग करते हुए यूएएन सृजित कर सकता है।
उत्तर : जब सदस्य अपना यूएएन यूनिफाईड पोर्टल पर सक्रिय कर लेता है तो वह निम्नलिखित लाभ प्राप्त कर सकता हैं: कभी भी अपनी अद्यतन पासबुक डाउनलोड / प्रिंट करें । अपनी सभी सदस्य आईडी को यूएएन से जोडें। ओटीसीपी पर ऑनलाईन अंतरण दावा प्रस्तुत करें। अपनी केवाईसी सूचना अद्यतित करें।
उत्तर : सुविधा यूनिफाईड पोर्टल पर https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in पर उपलब्ध है।
उत्तर : कृपया अपना यूएएन सक्रिय करें और अपनी पासबुक जांचे / डाऊनलोड करें।
उत्तर : कृपया अपने दावे की स्थिति जानने के लिए यूआरएल : https://passbook.epfindia.gov.in/MemberPassBook/Login का प्रयोग करें । सदस्य, यूएएन की जानकारी देते हुए सदस्य इंटरफेस पर लॉग इन करके ऑनलाईन दावे की स्थिति जान सकते है।
उत्तर : वर्तमान में सदस्य नियोक्ता के सत्यापन के बिना 3 प्रकार के दावे प्रस्तुत कर सकता है, नामत: फॉर्म -19, 10 सी एवं 31 । हालांकि, सदस्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसका यूएएन सक्रिय है और कम से कम, उसके खाते के संबंध में बैंक खाता और आधार केवाईसी को नियोक्ता द्वारा अपने डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र का उपयोग करके अनुमोदित किया गया हो ।
उत्तर : क.भ.नि.सं. ने निपटान दावा प्रपत्रों का समेकन शुरू किया है। तदनुसार, एक समग्र दावा प्रपत्र (आधार और गैर आधार), मौजूदा दावे फॉर्म नंबर 19, 10 सी एवं 31 और यूएएन फॉर्म नंबर 19, 10 सी और 31 के स्थान पर लाया गया है। एक और समग्र फॉर्म वर्तमान फॉर्म 20, 10 डी एवं 5-आई एफ के स्थान पर प्रयोग हेतु उपलब्ध है ।
उत्तर : कृपया क.भ.नि.सं. की वेबसाइट: www.epfindia.gov.in पर जाएं ।
उत्तर : वह व्यक्ति जो किसी भी प्रकार के कार्य में, शारीरिक रूप से या अन्यथा, कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के तहत कवर्ड किसी स्थापना में वेतन पर नियोजित है, अथवा उस स्थापना के कार्य से जुड़ा हुआ है, और जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियोक्ता से अपना वेतन पाता है, और ठेकेदार के माध्यम से या स्थापना के कार्य के संबंध में नियोजित कोई भी व्यक्ति इसमें शामिल है ।
उत्तर : कवर्ड स्थापना का कोई कर्मचारी, यदि दायरे से बाहर नहीं है, अनिवार्य रूप से कर्मचारी भविष्य निधि योजना का सदस्य है। स्थापना का नियोक्ता, निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए स्वयं कर्मचारी को सदस्य बनाता है। दायरे से बाहर कर्मचारी, वह कर्मचारी होता है जिसका सदस्य होने के समय उसका वेतन रु. 15,000/- प्रति माह से अधिक होता है ।
उत्तर : वर्तमान में, एक कर्मचारी क.भ.नि. में मूल वेतन + महंगाई भत्ता + रिटेनिंग भत्ता का 12% अंशदान देता है। नियोक्ता भी भुगतान का 12% भुगतान करता है, जिसमें से 8.33% वेतन पेंशन निधि में अंतरित किया जाता है और बाकी 3.67% क.भ.नि. में अंतरित किया जाता है ।
उत्तर : जी नहीं। नियोक्ता 12% भुगतान करता है, जिसमें से 8.33% पेंशन निधि में अंतरित किया जाता है । ईडीएलआई योजना में वेतन का 0.5% भुगतान भी नियोक्ता द्वारा किया जाता है ।
उत्तर :
  1. क.अग्रिम: एक सदस्य विभिन्न प्रयोजनों के लिए सेवा अवधि के दौरान गैर-वापसी योग्य अग्रिम (Non-refundable advance) ले सकता है: -
    • • स्वयं का / परिवार की बीमारियों का उपचार: टीबी, कुष्ठ रोग, लकवा, कैंसर, मानसिक विक्षोभ, हृदय रोग, महामारी या प्रमुख सर्जिकल ऑपरेशन
    • • स्वयं का, पुत्री, पुत्र, भाई और बहन का विवाह।
    • • पुत्र / पुत्री की पोस्ट मैट्रिक शिक्षा
    • • मकान, फ्लैट, आवास गृह की खरीद, मकान के आकार में वृद्धि / परिवर्तन और ऋण की अदायगी के लिए निकासी।
    • • सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पहले तक निकासी: कुल भ.नि. शेष का 90% तक।
    • • बेरोजगारी पर अग्रिम: कुल भ.नि. शेष का 75% तक।
    • • अन्य प्रयोजन (विवरण के लिए कृपया नीचे दी गई तालिका देखें)

  2. ख. अंतिम निपटान सेवानिवृत्ति पर अथवा कार्यमुक्त होने के दो महीने पश्चात् ।

  3. ग. पात्रता के अधीन सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन

  4. घ. सेवा में रहते हुए मृत्यु के मामले में बीमा।

उत्तर : कोई दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है ।
उत्तर :
  1. क. सदस्य पोर्टल: क.भ.नि.सं. लॉगिन पासवर्ड के साथ क.भ.नि. वेबसाइट पर सदस्य का यूएएन आधारित ऑनलाइन खाता का डाटा उपलब्ध करता है।
  2. ख. पासबुक: अद्यतन शेष के लिए
  3. ग. ऑनलाइन दावा फाइलिंग: अगर किसी सदस्य का क.भ.नि. खाता, आधार, पैन और बैंक खाते से जुड़ा हुआ है तो वह सदस्य पोर्टल के माध्यम से विभिन्न लाभों के लिए ऑनलाइन क.भ.नि. दावा फाइल कर सकता है।
  4. घ. एक कवर्ड क.भ.नि. स्थापना से दूसरे क.भ.नि. कवर्ड स्थापना में नौकरी बदलने के मामले में पिछले खाते से नए क.भ.नि. खाते में अंतरण दावे की ऑनलाइन फाइलिंग।
  5. ङ. निधि के स्वचालित अंतरण के लिए संशोधित घोषणा पत्र (फॉर्म नंबर -11): यदि सदस्य के दोनों खाते यूएएन और आधार से सहबद्ध है तो, अंतरण दावा के बिना, वह, पिछले खाते से नए खाते में क.भ नि. निधि का अंतरण कर सकता है ।
उत्तर :
  1. क. अंतिम निपटान / निकासी लाभ / अग्रिम के लिए: समग्र दावा प्रपत्र (आधार / गैर-आधार)
  2. ख. योजना प्रमाण पत्र: फॉर्म 10 सी
  3. ग. पेंशन के लिए: फॉर्म 10 डी
  4. घ. पिछले खाते के शेष को नए खाते में अंतरित करने के लिए: फॉर्म 13
  5. ङ. परिवार के सदस्यों के नामांकन के लिए: फॉर्म 2
  6. च. पिछली सेवा की घोषणा: फार्म 11
उत्तर :
  1. क. ऑनलाइन: यदि भ.नि. खाते को आधार के साथ जोड़ा गया है, तो पैन और बैंक खाते अपडेट हो जाते हैं । केवल भ.नि. अंतिम निकासी, पेंशन निकासी लाभ और भ.नि. गैर-वापसी योग्य अग्रिम (Non-refundable advance) के लिए समग्र दावा प्रपत्र (आधार), ऑनलाइन दायर किए जा सकते हैं।
  2. ख. ऑफ़लाइन: सभी प्रकार के दावे।
उत्तर : सदस्य अपना बैंक खाता सदस्य पोर्टल के माध्यम से अद्यतन कर सकता है जिसे बाद में नियोक्ता द्वारा अनुमोदित किया जाता है। यदि सदस्य का खाता भारतीय स्टेट बैंक में है तो नियोक्ता के सत्यापन की आवश्यकता नहीं है।
उत्तर : क.भ.नि. योजना के अनुसार, 20 दिनों के भीतर दावे का निपटान किया जाना अपेक्षित है ।
उत्तर : एक शिकायतकर्ता https://epfigms.gov.in पर अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर सकता है। यदि शिकायतकर्ता के पास यूएएन / स्थापना / पीपीओ नंबर है तो वह सीधे अपने संबंधित विवरण की प्रविष्टि कर सकता है और सहायक दस्तावेज अपलोड करने के साथ अपनी शिकायत की श्रेणी एवं शिकायत का विवरण भी भर सकता है। तत्पश्चात् उसकी शिकायत संबंधित भ.नि. कार्यालय को अग्रेषित की जाती है, जो उसके यूएएन / स्थापना / पीपीओ नंबर से जुड़ा होता है । यदि शिकायतकर्ता के पास यूएएन / स्थापना / पीपीओ नंबर नहीं है, तो वह अपनी शिकायत अन्य श्रेणी में दर्ज कर सकता है, जहां भ.नि. कार्यालय सहित, जिससे शिकायत संबंधित है, उसे सभी अपेक्षित विवरण भरना है। शिकायत सफलतापूर्वक दर्ज करने के बाद एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या सृजित की जाती है और उसके मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी पर भेजी जाती है। शिकायतकर्ता पंजीकरण संख्या के माध्यम से उपरोक्त पोर्टल पर अपनी शिकायत की स्थिति / निपटान देख / जांच कर सकता है। ईपीएफआईजीएमएस (EPFiGMS) एक सहभागी (interactive) पोर्टल है, क्योंकि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत से संबंधित अतिरिक्त सहायक दस्तावेज जोड़ सकता है और क.भ.नि.सं. कार्यालय भी दस्तावेजों के साथ-साथ शिकायतकर्ता से उसकी शिकायत के संबंध में आगे के इनपुट मांग सकता हैं । ईपीएफआईजीएमएस पोर्टल में, शिकायतकर्ता से स्टार रेटिंग के रूप में उसकी शिकायत के निवारण की गुणवत्ता के संबंध में प्रतिक्रिया भी मांगे जाने का प्रावधान है।
उत्तर : केवाईसी (अपने ग्राहक को जाने), सदस्यों के लिए क.भ.नि.सं. सेवाओं में सुधार हेतु सदस्यों के डेटा अद्यतन की प्रक्रिया है। इन केवाईसी विवरण में पैन, आधार, एवं बैंक खाता विवरण होते हैं । यदि आपने अब तक इन विवरण को क.भ.नि.सं. सदस्य पोर्टल पर अद्यतन नहीं किया हैं, अब आप यह कर सकते हैं ।
उत्तर : सदस्य, केवाईसी विवरण का क.भ.नि.सं. के यूएएन पोर्टल पर ऑनलाईन अद्यतन कर सकते हैं ।
उत्तर : दावा नियोक्ता के सत्यापन के बिना ऑनलाईन माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है। सदस्य यूएएन पोर्टल पर लॉगइन करके अपना मासिक अंशदान विवरण देख सकता है।
उत्तर : निम्नलिखित दस्तावेज केवाईसी हेतु मान्य हैं –
  • आधार
  • स्थायी खाता संख्या (पैन)
  • बैंक खाता संख्या
  • पासपोर्ट
उत्तर : आपका नियोक्ता यूएएन सृजित कर सकता है। नौकरी में बदलाव के मामले में, पहले से आंबटित यूएएन, नियोक्ता को उपलब्ध कराया जा सकता है।
उत्तर : नियोक्ता द्वारा यूएएन एक्टीवेट करने के पश्चात् सदस्य अपना पैन सदस्य पोर्टल के माध्यम से जोड़ सकता है।
उत्तर :
  1. सदस्य ऑनलाइन मोड के माध्यम से दावा प्रस्तुत कर सकता है ।
  2. सदस्य नियोक्ता के हस्ताक्षर के बिना सीधे दावा दायर कर सकता है।
उत्तर : उस खाते को निष्क्रिय खाते के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जिसमें सेवानिवृत्ति, विदेश में स्थायी प्रवास अथवा मृत्यु की स्थिति में 3 वर्षों में कोई अंशदान नहीं मिला है । वर्तमान में, सभी खाते, एक सदस्य की 58 वर्ष की आयु तक ब्याज अर्जित करेंगे ।
उत्तर : जी नहीं । तथापि, वर्तमान में, सभी खाते, एक सदस्य की 58 वर्ष की आयु तक ब्याज अर्जित करेंगे ।
उत्तर : यदि आप अभी भी क.भ.नि. एवं प्र.उ. अधिनियम, 1952 के तहत किसी स्थापना में कार्यरत हैं, तो आपको अपने नए खाते में ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से राशि अंतरित हो जानी चाहिए। यदि आप सेवानिवृत्त हो गए हैं तो आप अपनी राशि का निकासी कर सकते हैं ।
उत्तर : यदि कोई सदस्य अपना क.भ.नि. की निकासी करता है और उसकी सेवा 5 वर्ष से कम हो तथा संचित राशि रुपये 50,000/- से अधिक है, तो आयकर (टीडीएस) निम्नलिखित दरों पर लागू होगा: -
यदि 15जी / 15एच जमा किया जाता है, तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाता ।
यदि 15जी / 15एच जमा नहीं किया जाता है, तो टीडीएस 10% काटा जाता है
टीडीएस अधिकतम सीमांत दर (34.606%) पर काटा जाता हैनिधि का अंतरण T
अग्रिम का भुगतान
नियोक्ता द्वारा सेवा समाप्त की जाती है जो कर्मचारी के नियंत्रण से परे है ।
उत्तर : जी नहीं । कुल सेवा का निर्धारण करने के लिए पिछले नियोक्ता के साथ वर्तमान नियोक्ता को प्रदान की गई सेवा जोड़ी जाएगी ।
उत्तर : यदि कोई सदस्य पैन उपलब्ध कराता है अथवा सहबद्ध करता है और भ.नि. शेष रु. 50,000/- से अधिक है और की गई सेवा 5 साल से कम है, तो कर (टीडीएस) 10% के दर पर काटा जाएगा न कि 34.606% पर ।
उत्तर : फॉर्म 15 जी और फॉर्म 15 एच घोषणाएं हैं, जिन्हें, क्रमशः रुपये 2.50 लाख एवं 3.00 लाख की कुल वार्षिक आय वाले सदस्यों के मामले में कर की कटौती के बिना, भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है । फॉर्म 15एच वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक) के लिए लागू है जबकि फॉर्म -15 जी बाकी सभी के लिए है। इसके अलावा, इन प्रपत्रों में आवेदन करने से पहले सदस्य के पास पैन होना चाहिए ।
उत्तर : फॉर्म 15जी / 15एच की दो प्रतियाँ, जो भी लागू हों, दावा प्रपत्रों के साथ प्रस्तुत की जानी हैं।
उत्तर : परिवार और नामांकन विवरण प्रस्तुत करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी पेंशन योजना और कर्मचारी निक्षेप सहबद्ध बीमा योजना के तहत फॉर्म सं.-2 निर्धारित किया गया है ।
उत्तर : किसी सदस्य की मृत्यु की स्थिति में, उसका परिवार, बिना किसी देरी के भ.नि. / पेंशन / बीमा लाभ प्राप्त कर सकता है ।
उत्तर : सदस्य, फॉर्म सं.-2 नियोक्ता के माध्यम से ऑनलाइन जमा कर सकता है। फॉर्म नंबर -2 ऑनलाइन जमा करने के लिए सदस्यों को ई-हस्ताक्षर की सुविधा भी प्रदान की गई है । यदि परिवार के किसी नए सदस्य को जोड़ा जाता है, तो क.भ.नि. सदस्य को क.भ.नि.सं. में विवरण को अद्यतित करने के लिए फॉर्म नंबर-2 भरना चाहिए। फॉर्म नंबर - 2 ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन माध्यम से भी जमा किया जा सकता है ।
उत्तर : ऐसे परिदृश्य में, बैंक, जिसमें आपका बचत बैंक खाता वर्तमान में है, के प्रबंधक द्वारा दावा फॉर्म, सत्यापित किया जा सकता है । अथवा जहां कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा सत्यापन करा पाना मुश्किल लगता है, सदस्य, प्राधिकृत अधिकारियों में से किसी एक के द्वारा विधिवत रूप से सत्यापित कराकर संबंधित फील्ड कार्यालय से निवेदन करके केवाईसी अद्यतित कर सकता है । एमएपी वॉल्यूम II के पैरा 10.18 में यथा निर्धारित प्राधिकृत अधिकारियों की पूरी सूची है।
उत्तर : जी हां । सदस्य का नाम, उसका बैंक खाता नंबर सहित एक रद्द मूल चेक होना चाहिए तथा बैंक का आईएफएस (IFS) कोड चेक पर अंकित होना चाहिए। यदि, सदस्यों का बैंक खाता बिना 'चेक-बुक' सुविधा के है, तो नियोक्ता या बैंक प्रबंधक द्वारा विधिवत् रूप से सत्यापित किए गए पासबुक के पहले पृष्ठ की प्रतिलिपि दावा फॉर्म के साथ संलग्न किया जा सकता है ।
उत्तर : भ.नि. अंतिम प्रत्याहरण, पेंशन निकासी लाभ और भ.नि. गैर-वापसी योग्य अग्रिमों (Non-refundable advances) के निपटान के लिए प्रयुक्त समग्र दावा प्रपत्र (गैर-आधार), एक एकल पृष्ठ प्रपत्र है। दावे को ऑफ़लाइन प्रस्तुत किया जाना है जो नियोक्ता द्वारा सत्यापित हो।
उत्तर : समग्र दावा प्रपत्र (आधार) भ.नि. अंतिम निकासी, पेंशन निकासी लाभ और भ.नि. गैर-वापसी योग्य अग्रिमों (Non-refundable advances) के निपटान के लिए प्रयुक्त एक एकल पृष्ठ प्रपत्र है। इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से जमा किया जा सकता है और इसमें नियोक्ता के सत्यापन की आवश्यकता नहीं होती । यह फॉर्म उन मामलों में लागू होता है, जहां कर्मचारी के पूर्ण विवरण फॉर्म नंबर -11 (नया), आधार संख्या और बैंक खाता विवरण यूएएन पोर्टल पर उपलब्ध हैं और यूएएन सक्रिय हो।
उत्तर : सभी भुगतान एनईएफटी या सीबीएस (कोर-बैंकिंग सॉल्यूशंस) के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जाते हैं।
उत्तर : पेंशन कम्यूटेशन का अर्थ है, पेंशनभोक्ता द्वारा स्वेच्छा से सरेंडर किए गए पेंशन के एक हिस्से के एवज में एकमुश्त राशि का भुगतान। यह विकल्प 26.09.2008 से हटा दिया गया है।
उत्तर : कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 में पैराग्राफ 12 के बाद, निम्नलिखित पैराग्राफ शामिल किया गया जिसे कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2020 कहा गया : ‘’12बी कम्युटेशन की स्वीकृति के मामले में सामान्य पेंशन की बहाली - इस योजना के पूर्ववर्ती पैराग्राफ 12ए के अंतर्गत 25 सितंबर, 2008 अथवा उससे पहले पेंशन की कम्युटेशन का लाभ लेने वाले सदस्यों के संबंध में ऐसी कम्युटेशन की तिथि से पंद्रह वर्ष पूरे हो जाने के बाद सामान्य पेंशन की बहाली की जाएगी।
उत्तर : वे सदस्य जिन्होंने इस योजना के पूर्ववर्ती पैराग्राफ 12ए के अंतर्गत 25 सितंबर, 2008 अथवा उससे पहले पेंशन की कम्युटेशन का लाभ लिया है, ऐसी कम्युटेशन की तिथि से पंद्रह वर्ष पूरे हो जाने के बाद उनकी सामान्य पेंशन की बहाली होगी।
उत्तर : पूर्ववर्ती पैरा 12ए के संबंधित उपबंध के अनुसार पेंशनभोक्ता, पेंशन के 1/3 भाग को कम्यूट करने का पात्र था तथा उसके बाद वह शेष 2/3 पेंशन लेने का पात्र था। पेंशन के कम्यूट हो जाने के बाद पेंशनभोक्ता की वास्तविक पेंशन की बहाली के लिए योजना में कोई उपबंध नहीं था। हालांकि, सरकारी अधिसूचना जीएसआर सं. 132 (ई) दिनांक 20.02.2020 के अनुसार 15 वर्ष के बाद वास्तविक पेंशन की बहाली की अनुमति देने के लिए पैरा 12बी शामिल किया गया।
उत्तर : पेंशनभोक्ताओं को कम्युटेशन की तिथि से पंद्रह वर्ष पूरे हो जाने के बाद पूरी पेंशन प्राप्त होगी।
उत्तर : जी हां। क.भ.नि.सं. अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से वेबिनार का आयोजन कर रहा है एवं पेंशनभोक्ता अपने किसी प्रश्न के समाधान के लिए संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से इसमें भाग लेने का अनुरोध कर सकते हैं ।
उत्तर : आधार डाटा में बदलाव होने पर, नाम बदलने के लिए, परिवर्तन के अन्य आवेदनों की तरह ही आवेदन किया जाता है। सदस्य को ऑनलाईन आवेदन करना होता है और नियोक्ता इसे डिजिटली अप्रूव करता है। नाम में संशोधन के लिए आवेदन ऑनलाईन अथवा ऑफलाईन (संयुक्त आवेदन) जमा किया जा सकता है तथा यह प्रमाणित करने के लिए कि सदस्य के केवल विवाह से पहले वाले नाम में परिवर्तन हुआ है, वैवाहिक प्रमाणपत्र अथवा ऐसे ही किसी अन्य दस्तावेज़ की कॉपी साथ में जमा करनी होती है । स्कूल के रिकॉर्ड से संबंधित दस्तावेज़ जिसमें पिता का नाम और जन्मतिथि हो या शादी से पहले के पैन आदि द्वारा दिखाया जा सकता है कि विवाह के बाद केवल नाम में परिवर्तन हुआ है ।
उत्तर : बंद स्थापना के संबंध में, जब कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा सत्यापन में कोई परेशानी होती है, तो सदस्य एमएपी खंड ।। के पैरा 10.18 में निर्धारित प्राधिकृत अधिकारियों की सूची से किसी एक प्राधिकृत अधिकारी द्वारा सत्यापित कराकर संबंधित फील्ड कार्यालय को अनुरोध भेज कर केवाईसी अपडेट कर सकता है ।
उत्तर : वर्तमान अनुदेशों के अनुसार ऐसी चेक लीफ जिस पर सदस्य का नाम प्रिंट हो अथवा बैंक पासबुक का पहला पन्ना अथवा बैंक स्टेटमेंट जिसमें नाम, खाता संख्या और आईएफएससी हो, को अपलोड करना अनिवार्य है। यह इसलिए जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवाईसी में अपलोड की गई खाता संख्या सही है और किसी गलत भुगतान से बचा जा सके ।
उत्तर : अगर सभी खातों में आपका नाम, जन्मतिथि और लिंग समान है, तो सदस्य अपने लॉग-इन के माध्यम से ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वर्तमान यूएएन का आधार के साथ सत्यापन होना जरूरी है। अगर कोई अंतर हो, तो अन्य खातों में मूल विवरण के सही हो जाने के बाद, वे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं ।
उत्तर : ईपीएफओ कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एडवांस क्लेम का 3 कार्य दिवसों के भीतर निपटान कर रहा है। क्लेम पर कार्रवाई करने के बाद, क्लेम करने वाले के खाते में राशि जमा करने के लिए चेक बैंक को भेजा जाता है । इस राशि को आपके बैंक खाते में जमा करने में बैंक को आम तौर पर एक से तीन कार्यदिवस और लगते हैं।
उत्तर : कृपया https://www.epfindia.gov.in/site_en/Contact_us.phpपर जाएं । Zonal office under which EPF Regional/District office falls>> पर क्लिक करें । संबंधित क्षेत्रीय / जिला ऑफिस पर क्लिक करके संपर्क विवरण प्राप्त करें ।
उत्तर : यह सेवा शीघ्र ही फिर से शुरू होगी। इस सेवा के शुरू होने तक, आप हमारे फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल “socialepfo” के माध्यम से हम से संपर्क कर सकते हैं। आप epfigms.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं ।
उत्तर : आपके खाते में जमा राशि का 75% अधिकतम देय सीमा है और यह तब भी लागू है जब यह राशि आपके तीन माह के मूल वेतन और महंगाई भत्ते से कम हो। यदि बैलेंस राशि का 75%, तीन माह के वेतन से ज्यादा है तो नियमानुसार तीन माह के वेतन (मूल वेतन+महंगाई भत्ता) के बराबर एडवांस स्वीकृत किया जाएगा । अगर आपका मासिक वेतन 20000 रूपये है तो आप 60000 रूपये मात्र एडवांस ले सकेंगे। अगर मासिक वेतन 30000 रूपये है, तो एडवांस की राशि 75000 रूपये तक सीमित रखी जाएगी ।
उत्तर : कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एडवांस केवल एक ही बार लिया जा सकता है ।
उत्तर : कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एडवांस लेने की सुविधा इस महामारी के रहने तक उपलब्ध है ।
उत्तर : जी हां। अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, आपसे अनुरोध है कि पिछली सभी सेवाओं (अलग-अलग सदस्य आईडी के साथ लिंक) को अपनी नवीनतम सदस्य आईडी में ट्रांसफर करें। यह ट्रांसफर क्लेम फाईल करके किया जा सकता है। सेवा के सफलतापूर्वक ट्रांसफर हो जाने के बाद आपकी सारी भविष्य निधि राशि आपके नवीनतम सदस्य आईडी में दिखने लगेगी। इसके बाद आप अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए कोविड एडवांस क्लेम फाईल कर सकते हैं ।
उत्तर : जी हाँ । कोई भी भविष्य निधि अंशदाता कोविड एडवांस फाईल कर सकता है। चूंकि आपने अभी भविष्य निधि राशि नहीं निकाली है, इसलिए आप अब भी भविष्य निधि सदस्य हैं ।
उत्तर :
    \r\n
  1. यूनिफाईड सदस्य पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface पर जाएं
  2. \r\n
  3. -> सदस्य आईडी, आधार या पैन को चुनें
  4. \r\n
  5. -> ईपीएफओ के रिकॉर्ड के अनुसार अपना नाम, जन्मतिथि, मोबाईल नंबर और ईमेल आईडी जैसे विवरण डालें
  6. \r\n
  7. -> “Get Authorization Pin” विकल्प पर क्लिक करें
  8. \r\n
  9. -> ईपीएफओ में रजिस्टर्ड आपके मोबाईल नंबर पर पिन भेजा जाएगा
  10. \r\n
  11. -> पिन दर्ज करें और मोबाईल नंबर पर आपका यूएएन भेज दिया जाएगा
  12. \r\n
उत्तर :
    \r\n
  1. जहां आपकी स्थापना रजिस्टर्ड है आपको उस ईपीएफ कार्यालय में संपर्क करना होगा। जहां आपकी स्थापना रजिस्टर्ड है, उस ईपीएफ कार्यालय का पता लगाने के लिए https://unifiedportal-epfo.epfindia.gov.in/publicPortal/no-auth/misReport/home/loadEstSearchHome देखें
  2. \r\n
  3. •अपनी स्थापना का पीएफ कोड अथवा नाम दर्ज करें।
  4. \r\n
  5. •कैपचा दर्ज करें और सर्च पर क्लिक करें।
  6. \r\n
  7. •स्थापना का विवरण टेबुलर फॉर्मेट में दिखाई देगा।
  8. \r\n
  9. •स्थापना की आईडी, नाम और पते को कनफर्म करें। कॉलम-4 में ईपीएफ कार्यालय का नाम दिया गया है।
  10. \r\n
उत्तर :
    \r\n
  1. यह प्रक्रिया नीचे दी गई है
  2. \r\n
  3. क.यूनिफाईड पोर्टल(https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface)के सदस्य इंटरफेस पर लॉग-इन करें
  4. \r\n
  5. ख.Online Services>>Claim (Form-31,19,10C & 10D) पर जाएं
  6. \r\n
  7. ग.अपनी बैंक खाता संख्या दर्ज करें और वेरीफाई करें
  8. \r\n
  9. घ. “Proceed for Online Claim” पर क्लिक करें
  10. \r\n
  11. ङ.ड्रॉप डाउन से PF Advance (Form 31) चुनें
  12. \r\n
  13. च.ड्रॉप डाउन से purpose में “Outbreak of pandemic (COVID-19)” चुनें
  14. \r\n
  15. छ.अपेक्षित राशि दर्ज करें और चेक की स्कैन की गई कॉपी अपलोड करें तथा पता दर्ज करें
  16. \r\n
  17. ज.“Get Aadhaar OTP” पर क्लिक करें
  18. \r\n
  19. झ.आधार से लिंक मोबाईल पर ओटीपी प्राप्त होगा
  20. \r\n
  21. ञ.क्लेम फाईल हो गया है
  22. \r\n
उत्तर :
    \r\n
  1. स्टेप 1: उमंग ऐप खोलें
  2. \r\n
  3. स्टेप 2: EPFO को चुनें
  4. \r\n
  5. स्टेप 3: “Request for Advance (COVID-19)” को चुनें
  6. \r\n
  7. स्टेप 4: अपने यूएएन का विवरण डालें और वन-टाईम पासवर्ड प्राप्त करने के लिए \'Get OTP\' पर क्लिक करें । अपने अकाउंट को लॉग-इन करने के लिए इस ओटीपी का प्रयोग करें
  8. \r\n
  9. स्टेप 5: ओटीपी दर्ज करें और लॉग-इन पर क्लिक करें। लॉग-इन करने के बाद आपको अपने बैंक खाते के अंतिम चार अंक दर्ज करने होंगे तथा ड्राप डाउन मैन्यू से सदस्य आईडी को चुनना होगा । “Proceed for claim” पर क्लिक करें। \r\n
  10. \r\n
  11. स्टेप 6: अपना पता दर्ज करें । \'Next\' पर क्लिक करें।
  12. \r\n
  13. स्टेप 7: अपने खाता संख्या और नाम वाली चेक इमेज को अपलोड करें।
  14. \r\n
  15. \r\nसारा विवरण दर्ज हो जाने के बाद आपका क्लेम सफलतापूर्वक फाईल हो जाएगा।\r\n
उत्तर : लाभ उपलब्ध कराने के लिए, भारत के राजपत्र (असाधारण), भाग-II, खण्ड 3, उप-खण्ड (1) में दिनांक 28.03.2020 को प्रकाशित जी.एस.आर. सं..225 (ई) के माध्यम से क.भ.नि. योजना, 1952 के पैरा 68एल में एक नया उप-पैरा (3) शामिल किया गया है ।
उत्तर : इस उपबंध द्वारा, समुचित सरकार द्वारा घोषित महामारी अथवा विश्वव्यापी बीमारी से प्रभावित क्षेत्र की किसी स्थापना अथवा फैक्ट्री में कार्यरत क.भ.नि. सदस्य अपने क.भ.नि. खाते से नॉन-रिफंडेबल एडवांस ले सकेंगे ।
उत्तर : चूंकि सरकार द्वारा कोविड-19 को देश भर में एक महामारी घोषित किया गया है इसलिए देश भर की स्थापनाओं एवं फैक्ट्रियों में कार्यरत क.भ.नि. योजना, 1952 के सदस्य इसके पात्र हैं ।
उत्तर : इस एडवांस को लेने के लिए क.भ.नि. सदस्य अथवा उसके नियोक्ता को कोई प्रमाणपत्र अथवा दस्तावेज़ नहीं देना होगा ।
उत्तर : आप अपने तीन माह के मूल वेतन और मंहगाई भत्ते अथवा अपने क.भ.नि. खाते में जमा राशि के 75% तक, जो भी कम हो, नॉन-रिफंडेबल राशि निकाल सकते हैं। क.भ.नि. खाते में जमा राशि में, कर्मचारी का भाग, नियोक्ता का भाग तथा उस पर ब्याज की राशि शामिल है । चूंकि यह नॉन-रिफंडेबल है इसलिए इस राशि को वापस नहीं करना होगा ।
उत्तर : यदि आज की तारीख में, सदस्य के क.भ.नि. खाते में 50,000/- रुपए हैं तथा मासिक मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता 15,000/- रुपए है,
उत्तर : अगर आपका यूएएन, आधार एवं बैंक खाते के केवाईसी के साथ सत्यापित है और आपका मोबाईल नंबर आपके यूएएन के साथ सीड किया गया है तो आप अन्य सभी प्रकार के एडवांस की तरह, यह एडवांस क्लेम भी ऑनलाईन फाईल कर सकते हैं ।
उत्तर :
  1. https://www.epfindia.gov.in/site_hi/index.php वेबसाईट के होम पेज पर “COVID-19” टैब के अंतर्गत ऊपर दाहिनी तरफ के कोने में, ऑनलाईन एडवांस क्लेम फाईल करने से संबंधित अनुदेश दिए गए हैं। .
  2. यह प्रक्रिया नीचे दी गई है :
    • (क) यूनिफाईड पोर्टल के सदस्य इंटरफ़ेस में लॉग-इन करें https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface
    • (ख) ऑनलाइन सेवाओं पर जाएं >> क्लेम (फॉर्म -31,19,10 सी एवं 10 डी)
    • (ग) अपने बैंक खाते के अंतिम 4 अंक दर्ज करें और सत्यापित करें
    • (घ) “Proceed for Online Claim” पर क्लिक करें
    • (ङ) ड्रॉप डाउन से PF Advance को चुनें (Form 31)
    • (च) ड्रॉप डाउन से purpose के रूप में “Outbreak of pandemic (COVID-19)” को चुनें
    • (छ) अपेक्षित राशि दर्ज करें और चेक की स्कैन कॉपी अपलोड करें और अपना पता दर्ज करें
    • (ज) “Get Aadhaar OTP” पर क्लिक करें
    • (झ) आधार लिंक्ड मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें
    • (ञ) क्लेम फाईल हो गया है
उत्तर :
  1. जी हाँ, आप अपने मोबाईल फोन से इस प्रकार क्लेम फाईल कर सकते हैं ,
  2. i) (https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface ) पर लॉग-इन करें और क्लेम फाईल करने से संबंधित प्रश्न 9 के अंतर्गत ए से जे के अनुसार क्लेम फाईल करें अथवा
  3. ii) क्लेम फाईल करने के लिए, उमंग मोबाईल ऐप (नए युग के अनुरूप एकीकृत मोबाईल एप्लिकेशन) के माध्यम से Home> EPFO> Employee Centric Services> Raise Claim> अपने यूएएन तथा यूएएन के साथ पंजीकृत मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से लॉग-इन करें
उत्तर : क.भ.नि. योजना, 1952 के पैरा 27एए में “छूट के नियम एवं शर्तों” में बताया गया है कि क.भ.नि. योजना, 1952 में किया गया कोई भी संशोधन जो कर्मचारियों को अधिक लाभ प्रदान करता हो, वह ट्रस्ट नियमों में औपचारिक संशोधन के लंबित होने पर भी छूट प्राप्त स्थापनाओं पर लागू होगा। अत:, किसी छूट प्राप्त स्थापना के कर्मचारी, भविष्य निधि ट्रस्ट में आवेदन कर स्थापना के भविष्य निधि ट्रस्ट के अंतर्गत अपने भविष्य निधि खाते से राशि निकाल सकते हैं ।
उत्तर : जी हाँ । अगर आप पहले कोई एडवांस ले चुके हैं, तो भी आप यह एडवांस ले सकते हैं ।
उत्तर : क.भ.नि. योजना के अंतर्गत किसी भी एडवांस पर आयकर लागू नहीं है ।
उत्तर : परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एडवांस क्लेम पर प्राथमिकता आधार पर कार्रवाई की जा रही है ।
उत्तर : यदि आपका यूएएन, आधार एवं बैंक खाते के केवाईसी के साथ सत्यापित है और आपका मोबाईल नंबर आपके यूएएन के साथ सीड किया गया है तो आप इस एडवांस के लिए ऑनलाईन क्लेम फाईल कर सकते हैं । आपसे अनुरोध है कि सदस्य पोर्टल पर जाकर अपने केवाईसी को पूरा करें। यदि आपका मूल विवरण यानी नाम, जन्म तिथि तथा लिंग वही है जैसा कि आपके आधार में है, तो आप केवाईसी पोर्टल के माध्यम से अपने आधार को लिंक कर सकते हैं । केवाईसी विवरण और क.भ.नि. खाते के विवरण में किसी अंतर के मामले में, कृपया अपने नियोक्ता के माध्यम से जनसांख्यिकीय विवरण सुधार (demographic detail correction) के लिए ऑनलाईन आवेदन करें। बैंक खाते के विवरण को नियोक्ता द्वारा डिजिटल रूप में स्वीकृत किया जाना चाहिए। क्लेम को ऑनलाईन फाईल करने के लिए आपके आधार से लिंक्ड मोबाईल पर ओटीपी आएगा। इसलिए आपके आधार का मोबाईल से लिंक होना ज़रूरी है ।
उत्तर : तीन माह के मूल वेतन और मंहगाई भत्ते अथवा अपने क.भ.नि. खाते में जमा राशि के 75% तक, जो भी कम हो, की निकासी, अधिकतम स्वीकार्य सीमा है। आप कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं ।
उत्तर : जी नहीं । आपको विशेष रूप से कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एडवांस हेतु आवेदन करना होगा ।
उत्तर : जी हाँ। सदस्यों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए, कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए एडवांस से संबंधित क्लेम का निपटान प्राथमिकता आधार पर किया जा रहा है ।
उत्तर : यदि भ.नि. सदस्य की एक से अधिक आईडी (मल्टिपल आईडी) हों, और इन एमआईडी की भ.नि. राशि को नवीनतम आईडी में ट्रांसफर न किया गया हो, तो सदस्य को अपने वर्तमान आईडी में भ.नि. ट्रांसफर कराने की आवश्यकता है।
उत्तर : अलग-अलग नियोक्ताओं द्वारा किसी व्यक्ति को आवंटित कई सदस्य आईडी के लिए यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) कवर की तरह कार्य करती है। यूएएन से किसी एक सदस्य को आवंटित कई कर्मचारी भविष्य निधि खातों (सदस्य आईडी) को लिंक करना संभव होता है। यूएन के अंतर्गत कई सेवाएं जैसे अपडेटेड यूएएन कार्ड, ट्रांसफर के पूरे विवरण सहित अपडेटेड पीएफ पासबुक, वर्तमान पीएफ आईडी के साथ पूर्व सदस्य पीएफआईडी को लिंक करने की सुविधा, भविष्य निधि खाते में अंशदान के क्रेडिट के संबंध में मासिक एसएमएस तथा नौकरी बदलने पर ट्रांसफर के आवेदन के ऑटो ट्रिंगरिंग की सुविधा, प्राप्त होती हैं।
उत्तर :
  1. ऑनलाइन पीएफ ट्रांसफर के लिए निम्नलिखित सुनिश्चित करें-
  2. i. कर्मचारी ने https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterfaceपर अपना यूएएन एक्टिवेट किया हो। एक्टिवेशन के लिए प्रयोग में लाया गया मोबाइल नंबर भी एक्टिव होना चाहिए क्योंकि इसी नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा।.
  3. ii. कर्मचारी का आधार नंबर, बैंक खाते यूएएन के साथ सीडेड होना चाहिए। .
  4. iii. पिछली नौकरी छोड़ने की तिथि अवश्य दर्ज की जानी चाहिए। यदि नौकरी छोड़ने की तिथि दर्ज न हो तो कृपया नौकरी छोड़ने की तिथि को अपडेट करने संबंधी एफएक्यू में दी गई प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करें।.
  5. iv. नियोक्ता द्वारा ई-केवाईसी का अनुमोदन होना चाहिए।
  6. v. पिछली सदस्य आईडी पर केवल एक ट्रांसफर अनुरोध स्वीकार किया जा सकता है।
  7. vi. आवेदन करने से पहले “Member Profile” के अंतर्गत व्यक्तिगत विवरण का सत्यापन और पुष्टि करना आवश्यक है।
उत्तर : जी हां, ऑनलाईन ट्रांसफर आवेदन के लिए पिछली नौकरी छोड़ने की तिथि को अद्यतन करना अनिवार्य है। नौकरी छोड़ने की तिथि, नौकरी छोड़ने के दो माह के बाद ही अद्यतन की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, नौकरी छोड़ने की तिथि उस माह की कोई भी तिथि हो सकती है जिसमें पूर्व नियोक्ता ने अंतिम अंशदान किया हो। यह सुविधा, आधार आधारित वन टाईम पासवर्ड (ओटीपी) पर आधारित है। अत: इसका प्रयोग केवल वो ही कर सकते है जिन्होंने अपना यूएएन सक्रिय किया हो और अपने यूएएन को सत्यापित आधार नंबर के साथ लिंक किया हो तथा सत्यापन हेतु भेजे गए ओटीपी प्राप्त करने के लिए मोबाईल नंबर को आधार से लिंक किया हो।
उत्तर :
  1. i. https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर जाएं एवं यूएएन तथा पासवर्ड का प्रयोग करते हुए लॉगइन करें ।
  2. ii. ‘’मैनेज’’ >> टैब पर क्लिक करें तथा ‘’ सलेक्ट इमप्लायमेंट ‘’ ड्रापडाऊन मेनु के अंतर्गत ‘’मार्क एग्जिट’’, पर क्लिक करें, अपने यूएएन के साथ लिंक किए गए पिछले भविष्य निधि खाते को सलेक्ट करें।
  3. iii. नौकरी छोड़ने की तिथि एवं कारण दर्ज करें।
  4. iv. तत्पश्चात् ओटीपी के लिए अनुरोध करें जो आपके आधार के साथ लिंक किए गए मोबाईल नंबर पर भेजा जाएगा।
  5. v. ओटीपी दर्ज कर, रिक्वेस्ट सब्मिट करें। कृपया ध्यान रखें कि एक बार नौकरी छोड़ने की तिथि दर्ज होने के पश्चात् इसे बदला नहीं जा सकता ।
उत्तर : सदस्य इसकी जांच अपना पासबुक देखकर कर सकता है। सदस्य को यूनिफाईड पोर्टल पर लॉगईन करना होगा। होमपेज पर सदस्य को वियू > पासबुक पर जाना होगा, इसके बाद फिर से लॉगइन करने के लिए सदस्य को अपना यूएएन, पासवर्ड एवं कैप्चा, डालना होगा। लॉगइन करने के पश्चात् सदस्य अपनी सभी सदस्य आईडी पासबुक देख सकता है। यदि उसका भविष्य निधि अंतरित हो गया है तो नवीनतम पसबुक में यह क्रेडिट एंट्री के रूप में दिखाई देगा। अन्यथा उसकी सभी पिछली सदस्य आईडी (एमआईडी) में कुछ शेष दिखाई देगा। इस स्थिति में सदस्य को सलाह दी जाती है कि वह ऑनलाईन अंतरण दावा प्रस्तुत करे ।
उत्तर : ऐसा सदस्य जिसका यूएएन सीड किया गया है और वह केवाईसी का पालन कर रहा है, को रोजगार बदलने पर कोई अंतरण दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे मामलों में, जब भी कोई कर्मचारी नए रोजगार में नियोजित होता है और प्रथम माह का अंशदान प्राप्त होता है तो अंतरण ऑटो ट्रिगर जेनरेट होता है। इसके थोड़े समय के पश्चात्, सदस्य की भविष्य निधि राशि उसके नए खाते में स्वत: अंतरित हो जाती है। यह अंतरण स्वत: हो जाता है यदि सदस्य द्वारा इसे रोका न जाए ।
उत्तर : सदस्य ई-सेवा पोर्टल, सदस्य को ‘ऑनलाईन सर्विसेज’ टैब के माध्यम से ‘ट्रेक क्लेम स्टेट्स’ पर अंतरण दावे की स्थिति जानने की सुविधा देता है। जब दावा प्रस्तुत किया जाता है, तो इसकी स्थिति ‘’पेंडिग विद द् एम्पलॉयर’ दिखाई देती है। जब नियोक्ता अंतरण अनुरोध को स्वीकार लेता है तो फार्म की स्थिति एक्सेप्टेड बाई द एम्पलायर – पेंडिंग एट फील्ड ऑफिस में बदल जाती है।
उत्तर : ऐसे मामले में ऑनलाईन दावा प्रस्तुत करने की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। तथापि, पिछले एवं वर्तमान रोजगार के विवरण भरते हुए भौतिक दावा भरा जा सकता है। भौतिक फार्म 13 (अंतरण दावा) https://www.epfindia.gov.in/site_docs/PDF/Downloads_PDFs?Form13.pdf. से डाऊनलोड किया जा सकता है। इसे अनिवार्य रूप से पिछले अथवा वर्तमान नियोक्ता द्वारा सत्यापित कराकर संबंधित फील्ड कार्यालय में जमा किया जाए। ट्रांसफर इन के प्रभावी होने के पश्चात् सभी ऑनलाईन सेवाएं प्राप्त करने के लिए सदस्य को सलाह दी जाती है कि वह अपने नवीनतम यूएएन की केवाईसी कर ले। इसके पश्चात् नौकरी बदलने पर सदस्य को केवाईसी से जुड़े यूएएन की सूचना नए नियोक्ता को देनी चाहिए ताकि यूएएन की डुप्लीकेसी से बचा जा सके।
उत्तर : कर्मचारी को, छूट प्राप्त न्यास को भविष्य निधि दावा प्रस्तुत करना होगा जो एनेक्जर-ए के रूप में अंतरण दावे के विवरण एकीकृत पोर्टल पर डालेगा। भविष्य निधि कार्यालय द्वारा अनुमोदन के पश्चात् पिछली राशि एवं सेवा विवरण, वर्तमान सदस्य आईडी पासबुक में दिखाई देने लगती है।
उत्तर : एनेक्जर के एक दस्तावेज है जिसमें सदस्य विवरण, भविष्य निधि संचय सेवा विवरण, नौकरी में कार्यग्रहण की तिथि, नौकरी से हटने की तिथि, पिछली एवं वर्तमान सदस्य आईडी के विवरण का उल्लेख होता है। फील्ड कार्यालय/ न्यास को ट्रांसफर ईन के लिए इस दस्तावेज की आवश्यकता पड़ती है ।
उत्तर : सदस्य, भविष्य निधि स्थापना खोज के माध्यम से किसी भी स्थापना की स्थिति जान सकता है। सदस्य को https://www.epfindia.gov.in पर जाना होगा । इसके पश्चात, आवर सर्विसेज > फॉर एम्पलायर > इस्टेब्लिशमेंट सर्च (सर्विसेज हेड के अंतर्गत) पर जाएं । तत्पश्चात स्थापना के विवरण (नाम अथवा भविष्य निधि कोड) दर्ज कर स्थापना की स्थिति देखी जा सकती है।
उत्तर : पेंशन लाभ, सेवा की अवधि एवं लिए गए अंतिम वेतन के औसत पर आधारित होते हैं। यह पेंशन निधि खाते में उपलब्ध वास्तविक राशि पर आधारित नहीं होता है। अतः यह राशि नौकरी बदलने के दौरान अंतरित नहीं होता है और केवल पिछली सेवा विवरण के अंतरण से सदस्य, पेंशन से संबंधित लाभ पाने का पात्र बन जाता है।
उत्तर :
  1. भविष्य निधि की राशि सेवानिवृत्ति के पश्चात वृद्धावस्था में आय का साधन (सामाजिक सुरक्षा) प्रदान करता है। एक बड़ी बचत के लिए यह पहले से बचत आरंभ करना तथा कम निकासी करते हुए संचित निधि में वृद्धि करना आवश्यक है। अतः, प्रत्येक नौकरी बदलने पर भविष्य निधि को अंतरित करने की सलाह दी जाती है ताकि सामाजिक सुरक्षा लाभों का पूरा लाभ उठाया जा सके।.
  2. 1. भविष्य निधि अंतरण से पुरानी सेवा वर्तमान सदस्य आईडी में अंतरित हो जाती है। यदि कुल सेवा 5 वर्ष से अधिक है तो टीडीएस नहीं लगता है। पुरानी सेवा को जोड़ने से सदस्य को 5 वर्ष की अवधि पूर्ण करने में सहायता मिलती है और इस प्रकार वह टीडीएस से बच सकता है।
  3. 2. भविष्य निधि निकालने के बजाय अंतरित करने से निधि को एक साथ जोड़ने का लाभ मिलता है। एक साथ जोड़ने के लाभ को इस प्रकार देखा जा सकता है कि एक सदस्य नौकरी बदलने पर अपनी भविष्य निधि की निकासी न करके इसे नए खाते में अंतरित करता है तो, यह मानते हुए कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कम से कम 8.5% ब्याज की दर देना जारी रखता है जैसा कि इस इसने पिछले कई वर्षों में दी है, तो यह राशि 8 वर्ष में लगभग दुगनी हो जाएगी ।
  4. 3. 10 वर्ष से अधिक की सेवा सदस्य को पेंशन लाभ का पात्र बना देती है। भविष्य निधि खातों का अंतरण सुनिश्चित करता है कि पिछली सेवा समाप्त न होकर अगले रोजगार में जुड़ जाती है।
उत्तर :
क्र.सं.पीएफ ट्रांसफर का प्रकार ट्रांसफर का तरीका
1. किसी अछूट-प्राप्त स्थापना से अन्य छूट प्राप्त स्थापना में पीएफ ट्रांसफर ऑनलाईन
2. छूटप्राप्त स्थापना से किसी अछूट प्राप्त स्थापना में पीएफ ट्रांसफर ऑनलाईन
3. अछूट-प्राप्त स्थापना से छूट प्राप्त स्थापना में पीएफ ट्रांसफरऑनलाईन
4. छूटप्राप्त स्थापना से किसी अन्य छूट प्राप्त स्थापना में पीएफ ट्रांसफरऑनलाईन
5. अछूट-प्राप्त स्थापना से अछूट प्राप्त स्थापना में केवल ईपीएस का ट्रांसफर (ईपीएफ से छूट प्राप्त सदस्यों के लिए) ऑनलाईन
उत्तर :
  1. ऑनलाइन ट्रांसफर की प्रक्रिया के स्टेप्स नीचे दिए गए हैं
  2. स्टेप 1
  3. अपनी जानकारी जैसे यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) तथा पासवर्ड का प्रयोग कर https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर लॉग इन करें।
  4. स्टेप 2
  5. लॉगइन के बाद, ऑनलाईन सर्विसेज के अंतर्गत ‘वन मेंबर- वन ईपीएफ अकाउंट’’ (ट्रांसफर रिक्वेस्ट) पर क्लिक करें।
  6. स्टेप 3
  7. वर्तमान नियोजन संबंधी व्यक्तिगत सूचना एवं भविष्य निधि खाते की जांच करें ।
  8. स्टेप 4
  9. ‘गेट डिटेल्स’ पर क्लिक करने पर पूर्व रोजगार से संबंधित भविष्य निधि खाते के विवरण देख सकते हैं।
  10. स्टेप 5
  11. आपके पास पूर्व नियोक्ता अथवा वर्तमान नियोक्ता में से किसी एक को दावा प्रपत्र सत्यापित करने हेतु चुनने का विकल्प है जो प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के डीएससी की उपलब्धता पर आधारित है। दोनों में से किसी एक नियोक्ता का चुने और सदस्य आईडी / यूएएन उपलब्ध कराएं।
  12. स्टेप 6
  13. अगले स्टेप में यूएएन पंजीकृत मोबाईल नंबर पर ओटीपी प्राप्त करने हेतु ‘गेट ओटीपी’ पर क्लिक करें तथा ओटीपी डालें और सबमिट पर क्लिक करें।
उत्तर : क.भ.नि. योजना, 1952 के पैरा 70 (ii) के तहत, यह परिवार के सदस्यों को समान भाग में देय है। यदि परिवार का कोई पात्र सदस्य नहीं है, तो यह उस व्यक्ति (यों) को देय है, जो कानूनी रूप से इसके हकदार हैं।
उत्तर : क.भ.नि.सं. ने कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के सदस्यों के लिए 'प्रयास- अधिवर्षिता/सेवानिवृत्ति के दिन पेंशन जारी करने हेतु एक पहल' नामक एक योजना प्रारंभ किया है। 03 महीने के भीतर अधिवर्षिता प्राप्त करने वाले सदस्यों को सेवानिवृत्ति के दिन से एक महीने पहले पेंशन दावा प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जाता है ताकि सेवानिवृत्ति की तिथि पर पीपीओ जारी करने के लिए इन कर्मचारियों के पेंशन दावों का निपटान किया जा सके।
उत्तर : जी नहीं । सदस्य की आयु को ध्यान में रखे बगैर, उसकी सेवा छोड़ने की तिथि तक कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान का भुगतान किया जाना चाहिए । जो कर्मचारी क.पें.यो. (पेंशन) के सदस्य नहीं रहते, उन्हें भ.नि. में नियोक्ता का 8.33% अंशदान मिलेगा।
उत्तर : हस्तांतरी क्षेत्रीय भ.नि. आयुक्त / भ.नि. न्यास को जारी किए गए अंतरण प्रमाणपत्र (परिशिष्ट-के) की प्रति हेतु, क.भ.नि. कार्यालय से अंतरण के पूरे विवरण सहित अनुरोध किया जा सकता है।
उत्तर : पेंशन अंशदान भविष्य निधि में नियोक्ता के भाग से केवल परिवर्तित होता है। अतः सदस्य की सहमति की कोई आवश्यकता नहीं है और मना करने का प्रश्न ही नहीं उठता।
उत्तर : नहीं। केवल भविष्य निधि की सदस्यता के आधार पर, कोई भी व्यक्ति पेंशन योजना का सदस्य बन सकता है। 01/09/2014 से कोई भी नया कर्मचारी जिसका मासिक वेतन 15000/- से अधिक हो, स्थापना में कार्य ग्रहण करने पर कर्मचारी भविष्य निधि योजना के पैरा 26(6) के प्रावधानों के अनुसार विकल्प प्रस्तुत कर भविष्य निधि योजना का सदस्य बन सकता है। फिर भी वह पेंशन निधि की सदस्यता प्राप्त नहीं कर सकता। ऐसे सभी कर्मचारियों के लिए कर्मचारी के भाग का 12% अंशदान तथा नियोक्ता के भाग का 12% अंशदान, दोनों का ही, केवल भविष्य निधि में भुगतान किया जाएगा।
उत्तर : कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत कवर्ड स्थापना को प्रत्येक वेतन माह की समाप्ति के पश्चात रोजगार पर रखे गए कर्मचारियों की संख्या, उनके यूएएन, उनकी सकल इपीएफ/ ई पी एस /ई डी एल आई वेतन, वेतन पर तीनों योजनाओं के अंतर्गत अंशदान तथा देय प्रशासनिक प्रभार, वेतन संवितरण तिथि और छूट प्राप्त कर्मचारियों की संख्या तथा उनके सकल वेतन के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सूचना फाइल करनी होती है। यूनिफाइड पोर्टल पर ईसीआर सुविधा, नियोक्ता को उक्त महत्वपूर्ण सांविधिक कर्तव्य को पूरा करने में सहायता करती है। ईसीआर में उक्त सूचना सृजित करने के पश्चात नियोक्ता अंशदान के भुगतान तथा उसके द्वारा घोषित प्रशासनिक प्रभारी के भुगतान हेतु चयन प्रक्रिया का प्रयोग कर सकता है।
उत्तर : नियोक्ता द्वारा सांविधिक सूचना प्रस्तुत करने वाली ईसीआर के सृजन के पश्चात यह समाप्त नहीं होगी और संदर्भ हेतु भुगतान के लिए यह भविष्य में भी उपलब्ध होगी।
उत्तर : केंद्र सरकार द्वारा घोषित विस्तारित समय के भीतर यदि देय राशि जमा कर दी जाती है तो कोई नुकसानी नहीं लगाई जाएगी ।
उत्तर : ईपीएफओ पोर्टल पर बहुत से महत्वपूर्ण कार्य जैसे के वाई सी सत्यापन, अंतरण दावा सत्यापन आदि, नियोक्ता के प्राधिकृत व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन उनके डिजिटल हस्ताक्षर अथवा आधार आधारित ई-साइन का प्रयोग करते हुए किए जाते हैं। इससे सदस्यों को बाधा रहित ऑनलाइन सेवा सुनिश्चित होती है।
उत्तर : डी एस सी/ ई-साइन के प्रयोग के लिए ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालयों से एक बार अनुमोदन आवश्यक होता है। नियोक्ताओं को अनुमोदन हेतु क्षेत्रीय कार्यालयों को एक बार उनके द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित पंजीकरण अनुरोध भेजना होता है।
उत्तर : ऐसी स्थापनाएं जिनके प्राधिकृत अधिकारियों ने डिजिटल हस्ताक्षर अनुमोदित कर दिए हैं परंतु वे अपना डोंगल नहीं ढूंढ पा रहे हैं, नियोक्ता पोर्टल पर लॉगिन कर सकते हैं और पहले से पंजीकृत प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के लिए पंजीकरण लिंक के माध्यम से अपने ई-साइन पंजीकृत कर सकते हैं। यदि अनुमोदित डिजिटल हस्ताक्षर में तथा उनके आधार में एक ही नाम है, ई-साइन के पंजीकरण हेतु अन्य किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। अन्य प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता अपने ई-साइन पंजीकृत कर सकते हैं और नियोक्ता द्वारा अनुमोदित अनुरोध पत्र भेज सकते हैं और संबंधित ईपीएफओ कार्यालय से अनुमोदन ले सकते हैं।
उत्तर :
  1. यूआईडीएआई वेबसाइट से वर्चुअल आईडी जेनरेट की जा सकती है। वर्चुअल आईडी जेनरेट करने के लिए निम्नलिखित लिंक है:
  2. https://resident.uidai.gov.in/vid-generation
उत्तर : एम्प्लॉयर इंटरफ़ेस पर “Establishment>>DSC/e-sign >>Digital Signature Registration पर जाएँ। प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के आधारभूत विवरण दर्ज करें। पंजीकरण के दौरान, फिजिकल डी एस सी (डोंगल) मशीन के साथ जुड़ा होना चाहिए। सिस्टम डी एस सी का पासवर्ड पूछेगा। रिक्वेस्ट लेटर जनरेट करें। नियोक्ता इसे ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं। क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सत्यापन के पश्चात अनुरोध स्वीलकृत किया जाता है।
उत्तर :
  1. -> यूनिफाइड सदस्य पोर्टल पर जाएं ।
  2. -> सदस्य आईडी, आधार या पैन का चयन करें।
  3. -> ईपीएफओ रिकॉर्ड के अनुसार अपना विवरण जैसे नाम, जन्म तिथि, मोबाईल नंबर और ई-मेल आईडी दर्ज करें।
  4. -> “Get Authorization Pin” विकल्प पर क्लिक करें।
  5. -> ईपीएफओ के साथ रजिस्टर्ड आपके मोबाईल नंबर पर पिन भेजा जाएगा।
  6. -> पिन दर्ज करें और आपका यूएएन मोबाईल नंबर पर भेज दिया जाएगा।
  7. पोर्टल पर जाएं (https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/)
उत्तर :
  1. -> ईपीएफ सदस्य पोर्टल पर जाएं और “Activate UAN” पर क्लिक करें या उमंग ऐप पर ईपीएफओ की UAN Activation under Employee Centric Services पर क्लिक करें ।
  2. -> इनमें से किसी एक का चयन करें – यूएएन, सदस्य आईडी, आधार या पैन
  3. -> अतिरिक्त विवरण जैसे नाम, जन्मतिथि, मोबाईल नंबर और ई-मेल आईडी दर्ज करें और “Get Authorization PIN” पर क्लिक करें।
  4. -> ईपीएफओ के साथ रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर ऑथोराइजेशन पिन भेजा जाएगा ।
  5. -> इस पिन को दर्ज करें और “Validate OTP and Activate UAN” पर क्लिक करें। जाएगा।
  6. यूएएन एक्टिवेट हो जाएगा और सदस्यर के मोबाइल पर पासवर्ड भेज दिया जाएगा। अब सदस्य अपने यूएएन और पासवर्ड से यूनिफाइड सदस्यल पोर्टल पर लॉग-इन कर सकता है।
उत्तर : जी हाँ, एक मोबाइल नंबर को कई यूएएन के साथ लिंक किया जा सकता है।
उत्तर : जी नहीं । यूएएन रजिस्ट्रेशन और एक्टिवेशन केवल ऑनलाइन ही किया जा सकता है।
उत्तर : रजिस्ट्रेशन और एक्टिवेशन के बाद, ठेका और सामान्य कर्मचारी, दोनों, ऑनलाइन यूएएन सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
उत्तर : पासवर्ड में कम से कम 1 स्पेशल कैरेक्टर होना चाहिए, इसमें 7-20 कैरेक्टर होने चाहिएं, कम से कम 1 कैपिटल और 1 स्मॉल लैटर होना चाहिए, कम से कम 4 अल्फाबेट और कम से कम 2 डिजिट होने चाहिएं।
उत्तर : सदस्य पोर्टल पर जाकर सदस्य स्वयं यूएएन को आधार के साथ सीड कर सकता है। इसके बाद लिंकेज को पूरा करने के लिए नियोक्ता द्वारा इसे अप्रूव करना ज़रूरी है । इसके साथ-साथ, सदस्य अपने नियोक्ता को आधार के साथ यूएएन लिंक करने के लिए कह सकता है। नियोक्ता के हस्तक्षेप के बिना सदस्य अपना यूएएन, आधार के साथ लिंक करने के लिए ईपीएफओ वेबसाईट के होम पेज पर उपलब्ध ऑनलाइन सेवाओं के अंतर्गत “e-KYC Portal” या उमंग ऐप में ईपीएफओ के अतंर्गत e-KYC service का उपयोग कर सकता है।
उत्तर : 一.सदस्य को ईपीएफओ के उस क्षेत्रीय कार्यालय में संयुक्त आवेदन जमा कर संशोधन के लिए आवेदन करना होता है, जहां उसके कर्मचारी भविष्य निधि खाते का रखरखाव किया जाता है।
उत्तर :
  1. -> यूनिफाइड सदस्य पोर्टल पर अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते में लॉगिन करें।
  2. -> "Manage" के अंतर्गत "KYC" विकल्प पर क्लिक करें।
  3. -> आप जिस विवरण को यूएएन के साथ लिंक करना चाहते हैं (जैसे पैन, बैंक खाता, आधार आदि) उसका चयन कर सकते हैं।
  4. -> अपेक्षित फ़ील्ड भरें।/li>
  5. -> अब “Save” विकल्प पर क्लिक करें।
  6. -> आपका अनुरोध "KYC Pending for Approval" में दिखाई देगा।
  7. -> जैसे ही नियोक्ता विवरण को अप्रूव करता है, "Digitally approved by the employer" मैसेज दिखाई देगा ।
  8. -> जैसे ही यूआईडीएआई आपके विवरण की पुष्टि करता है, आपके आधार के सामने "Verified by UIDAI” दिखाई देगा।


  9. आप जिस विवरण को यूएएन के साथ लिंक करना चाहते हैं (जैसे बैंक खाता,पैन, आधार, पासपोर्ट) उसका चयन कर सकते हैं।
उत्तर :
  1. -> यूनिफाइड सदस्य पोर्टल पर अपने कर्मचारी भविष्य निधि खाते में लॉगिन करें।
  2. -> अपना बैंक खाता नंबर और आईएफएससी कोड डालें।
  3. -> आधार रजिस्टर्ड मोबाईल पर ओटीपी भेजा जाएगा। .
  4. -> जांच के बाद विवरण, आपके नियोक्ता द्वारा अप्रूव किया जाना आवश्यक है।
  5. -> अप्रूवल के बाद बैंक खाता सीड हो जाता है।
  6. भारतीय स्टेट बैंक के बैंक खाते के अलावा, अन्य मामलों में विवरण, आपके नियोक्ता द्वारा अप्रूव किया जाना आवश्यक है।
उत्तर : जी हाँ। ऊपर बताई गई प्रक्रिया से बैंक खाता नंबर कितनी भी बार अपडेट किया जा सकता है। हालांकि, ईपीएफओ के पास किसी क्लेम के लंबित होने के दौरान बैंक खाते का विवरण नहीं बदला जा सकता ।
उत्तर : आपको अपना एक्टिव बैंक खाता अपने नाम से सीड करना चाहिए। यदि आपके बैंक खाते में आपका नाम सही नहीं है, तो चेक की स्कैन कॉपी में अंतर दिखेगा और क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा। इसलिए बेहतर है कि अपने नाम में संशोधन करा लें।
उत्तर : यूएएन को केवल एक बार एक्टिवेट करना होता है । हर बार नौकरी बदलते समय, इसे री-एक्टिवेट करने की जरूरत नहीं है।
उत्तर : जी नहीं, यूएएन रजिस्ट्रेशन निशुल्क है और इसे एक्टिवेट करने के लिए आपको कोई फीस नहीं देनी होती ।
उत्तर : आप एसएमएस के माध्यम से यूएएन एक्टिवेट नहीं कर सकते हैं। हालांकि, आप उमंग ऐप द्वारा यूएएन एक्टिवेट कर सकते हैं। उमंग ऐप डाउनलोड करने के लिए, कृपया गूगल प्ले स्टोर पर जाएं।
उत्तर :
  1. सेवाएं:
  2. i. ई-नामांकन
  3. ii. नाम, जन्म तिथि, लिंग में संशोधन ।
  4. iii. केवाईसी विवरण को अपडेट करना।
  5. iv. पिछले रोजगार से पीएफ राशि का आसानी से ट्रांसफर।
  6. v. ऑनलाईन क्लेम (पीएफ निकासी, एडंवास, निकासी लाभ, पेंशन क्लेम)
  7. vi. आधार आधारित ऑनलाइन क्लेम फाईल करना।
  8. vii. नौकरी छोड़ने की तारीख अपडेट करना।
  9. li>जानकारी :
  10. viii. पासबुक डाउनलोड करें।
  11. ix. यूएएन कार्ड डाउनलोड करें।
  12. x. 7738299899 पर एसएमएस द्वारा 10 भाषाओं में भविष्य निधि अंशदान एवं शेष का विवरण
  13. xi. 011-22901406 पर मिस्ड कॉल द्वारा भविष्य निधि खाते का विवरण
उत्तर : अगर आपके द्वारा किए गए जन्मतिथि में बदलाव के अनुरोध में आधार के अनुसार तीन साल से अधिक का अंतर है तो आधार में अंकित जन्मतिथि हेतु सहायक दस्तावेज अपलोड करना आवश्यक है।
उत्तर : जी हां, यदि आप अपने पैन नंबर, यूएएन के साथ लिंक करते हैं तो आप कर्मचारी भविष्य निधि निकासी पर टैक्स लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उत्तर : जी हां पैन और यूएएन डाटा में अंतर होने पर भी पैन को यूएएन के साथ लिंक किया जा सकता है।
उत्तर : यदि आपके नियोक्ता द्वारा केवाईसी विवरण अप्रूव नहीं किया जा रहा है तो आप, अनुरोध सहित सीधे प्रशासन अथवा मानव संसाधन (एचआर) विभाग से संपर्क कर सकते हैं। यदि इसमें अधिक समय लग रहा है तो आप संगठन के उच्च अधिकारियों तक इस मामले को ले जा सकते हैं। यदि आपके अनुरोध पर कोई उत्तर नहीं दे रहा हो तो आप http://epfigms.gov.in के माध्यम से कर्मचारी भविष्य निधि शिकायत पर संपर्क कर सकते हैं।
उत्तर : उसी पेज पर अपडेटेड केवाईसी दस्तावेज के सामने स्थिति दर्शायी जाएगी। सिस्टम आपके रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर एसएमएस भी भेजेगा।
उत्तर : आप अपने सदस्य पोर्टल पर लॉगिन कर सकते हैं और पैन और बैंक खाते के विवरण को स्वयं अपडेट कर सकते हैं। नियोक्ता द्वारा डिजिटल रूप से यह अनुमोदित / अद्यतन किया जाएगा।
उत्तर :
  1. -> सदस्य एकीकृत पोर्टल पर जाएं ।
  2. -> यूएएन, पासवर्ड और कैप्चा दर्ज करें।
  3. -> ‘मैनेज’ पर जाएं और ‘मार्क एग्जिट’ पर क्लिक करें
  4. -> सेलेक्ट इम्प्लॉयमेन्ट' ड्रॉपडाउन से 'पीएफ अकाउंट नंबर' चुनें
  5. -> ‘डेट ऑफ एग्जिट' और 'रीज़न ऑफ एग्जिट' दर्ज करें
  6. -> ‘रीक्वेस्ट ओटीपी’ विकल्प पर क्लिक करें और अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी दर्ज करें
  7. -> चेकबॉक्स का चयन करके अपनी सहमति दें
  8. -> 'अपडेट' पर क्लिक करें
  9. -> ‘ओके’ पर क्लिक करें
उत्तर : यूनिफाइड पोर्टल के सदस्य इंटरफ़ेस में लॉगिन करने के बाद, मोबाइल नंबर बदलने के लिए "मेम्बर प्रोफ़ाइल" खंड में एक प्रावधान है।
उत्तर : जी नहीं । यदि आपका मोबाइल आधार के साथ जुड़ा नहीं है, तो आप ऑनलाइन दावा प्रस्तुत नहीं कर सकते। दावा प्रस्तुत करने के समय, ओटीपी केवल आधार से जुड़े मोबाइल पर भेजा जाता है।
उत्तर : कृपया अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर जाएँ। अधिक जानकारी के लिए आप यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट https://uidai.gov.in पर जा सकते हैं।
उत्तर : कृपया एकीकृत पोर्टल के सदस्य इंटरफ़ेस पर "फॉरगोट पासवर्ड" पर क्लिक करें। कैप्चा के साथ अपना यूएएन दर्ज करें। यूएएन के साथ सहबद्ध आपके मोबाइल पर सिस्टम ओटीपी भेजेगा और आप पासवर्ड रीसेट कर सकते हैं।
उत्तर : कृपया एकीकृत पोर्टल के सदस्य इंटरफ़ेस पर "फॉरगोट पासवर्ड" पर क्लिक करें। कैप्चा के साथ अपना यूएएन दर्ज करें। सिस्टम पूछेगा कि ओटीपी, पंजीकृत मोबाइल पर भेजा जाना है या किसी अन्य मोबाइल पर। यदि अन्य मोबाइल नंबर चयनित है तो सिस्टम आपके मूल विवरण (नाम, जन्मतिथि, और लिंग) दर्ज करने के लिए कहेगा। प्राथमिक विवरण के सफल मिलान के बाद, सिस्टम, आपका आधार उपलब्ध कराने के लिए कहेगा । यदि आधार विवरण मेल खाते हैं तो सिस्टम नया मोबाइल नंबर पूछेगा और ओटीपी नए मोबाइल पर भेजा जाएगा। ओटीपी के सफल सत्यापन के बाद, आप अपना पासवर्ड रीसेट कर सकते हैं।
उत्तर : आपको केवल अपने यूएएन को अपने उत्तरवर्ती नियोक्ता के समक्ष घोषित करने की आवश्यकता है।
उत्तर : क.भ.नि.सं. सदस्य पोर्टल या उमंग ऐप के माध्यम से आप प्रत्याहरण, अग्रिम, अंतरण और पेंशन दावा (ई-नामांकन के बाद) ऑनलाइन फाइल कर सकते हैं ।
उत्तर : सबसे पहले, आपको अपने यूएएन और पासवर्ड के साथ यूएएन सदस्य पोर्टल पर लॉगिन करना होगा। तत्पश्चात मेनू ‘डाउनलोड’ पर जाएं तथा ‘डाउनलोड पासबुक’ का चयन करें । इस पासबुक का पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए एक लिंक दिया गया है।
उत्तर : आपको अपने वैध यूएएन और पासवर्ड के साथ पहले लॉगिन करना होगा। फिर, ‘डाउनलोड’ मेनू पर जाएं और ‘डाउनलोड यूएएन कार्ड’ विकल्प चुनें। यूएएन कार्ड का पीडीएफ डाउनलोड किया जा सकता है।
उत्तर : यदि आप छूट प्राप्त स्थापना में कार्य कर रहे हैं तो आपका पासबुक यूएएन पोर्टल में उपलब्ध नहीं होगा । भ.नि. विवरणी प्राप्त करने के लिए आप अपनी स्थापना से संपर्क कर सकते हैं।
उत्तर : सदस्य इंटरफ़ेस के एक सदस्य एक भ.नि. खाता सुविधा के माध्यम से पिछले यूएएन के साथ जुड़े सभी पिछली सेवाओं को वर्तमान यूएएन में अंतरित करें।
उत्तर : चूँकि पिछले सदस्य आईडी के साथ विवरण का मिलान किया जाता है और वर्तमान सदस्य आईडी में यदि नाम आदि में कोई अंतर हो तो यह सदस्य आईडी के साथ लिंक / लिस्ट नहीं होने देगा।
उत्तर :
  1. -> सदस्य यूनिफाइड पोर्टल पर जाएँ
  2. -> यूएएन, पासवर्ड और कैप्चा दर्ज करें।
  3. -> साइन-इन पर क्लिक करें
  4. -> मैनेज पर क्लिक करें और फिर मॉडिफै बेसिक डीटेल पर क्लिक करें
  5. -> आधार के अनुसार आधार, नाम और जन्म तिथि दर्ज करें। सेव/सबमिट पर क्लिक करें । ‘यस’ पर क्लिक करें
  6. -> अपने नाम परिवर्तन अनुरोध को अनुमोदित करने के लिए अपने नियोक्ता को सूचित करें।
उत्तर : जी हां । योजना में अग्रिम से संबंधित प्रावधान, अंतर्राष्ट्रीय कामगारों के लिए भी लागू होते हैं।
उत्तर : अनिवार्य नहीं है। फिर भी, यदि केवाईसी दस्तावेजों जैसे आधार, बैंक खाते आदि में यदि पति का नाम दिया गया है, तब यह सलाह दी जाती है कि भविष्य निधि संबंधी विवरण में भी वही विवरण दिया जाना चाहिए।
उत्तर : ऑनलाईन दावा फाइल करने के लिए आधार अनिवार्य है। एक अंतर्राष्ट्रीय कामगार जो आधार के लिए पात्र है, और आधार आबंटित होने पर वह ऑनलाईन दावा फाईल कर सकता है। यदि अंतर्राष्ट्रीय कामगार के पास आधार नहीं है तो अंतर्राष्ट्रीय कामगार, नियोक्ता/ प्राधिकृत प्रतिनिधि द्वारा विधिवत सत्यापित दावा भौतिक रूप में फाइल कर सकता है।
उत्तर : जी हाँ। फॉर्म 3-ए में प्रत्येक सदस्य का अंशदान कार्ड/ईसीआर की प्रति नियोक्ता से मांगी जा सकती है।
उत्तर : सदस्य पोर्टल के माध्यम से फॉर्म -2 (नामांकन) को ऑनलाइन अपडेट करें ई-नामांकन में जन्म तिथि आधार पर आधारित होती है। इसलिए परिवर्तन की आवश्यकता तभी होगी जब आपने आधार को सही कर दिया हो। पहले के ई-हस्ताक्षरित ई-नामांकन को अद्यतित आधार से जोड़ते हुए नए नामांकन दायर कर के और नामांकन पर फिर से ई-हस्ताक्षर करके बदला जा सकता है।
उत्तर : कृपया ऑनलाइन फॉर्म-13 फ़ाइल कर शेष राशि और सेवा को वर्तमान यूएएन में अंतरित करें। इसके लिए आपको पिछले नियोक्ता के माध्यम से, पिछले यूएएन (यदि सही नहीं है और आधार डेटा से मेल नहीं खाता) में डेटा (नाम, जन्म तिथि और लिंग) सही करा ना होगा और यूएएन को आधार से लिंक करना होगा। यदि डेटा सही है तो आप इसे स्वयं ई-के.वाई.सी. पोर्टल के माध्यम से लिंक कर सकते हैं।
उत्तर : सेवा छोड़ने की तारीख से 60 दिनों के बाद, सदस्य स्वयं सदस्य पोर्टल के माध्यम से नौकरी छोडने की तिथि को ऑनलाइन प्रस्तुत / अद्यतित कर सकता है।
उत्तर : जी नहीं । नियोक्ता को कर्मचारी के केवाईसी का अनुमोदन करना है । नियोक्ता, ई-हस्ताक्षर के लिए पंजीकरण कर सकता है जो आधार आधारित है और फिर कर्मचारी के विवरण का अनुमोदन कर सकता है।
उत्तर : उपरोक्त स्थिति तब होती है जब पिछली सेवा से बाहर निकलने की तिथि एकीकृत पोर्टल में उपलब्ध नहीं होती है। नौकरी छोडने की तिथि के अद्यतन के बाद, ऑनलाइन फॉर्म-13 जमा करें और पिछले खाते को वर्तमान सदस्य खाते में अंतरित करें।
उत्तर : आवश्यक नहीं है। सदस्य को ई-नामांकन दाखिल करने के लिए आधार आधारित ई-हस्ताक्षर का उपयोग करना है।
उत्तर : यदि डेटा मेल खाता है तो सदस्य, अपने सदस्य आईडी से यूएएन जेनरेट कर सकता है, अन्यथा उसे सही विवरण के साथ यूएएन बनाने के लिए नियोक्ता से संपर्क करना होगा और गलत विवरण को ठीक कराना होगा। उसके पश्चात, सदस्य अपने केवाईसी को स्वयं लिंक कर सकता है।
उत्तर : लाभार्थी केवल तभी ऑनलाइन आवेदन कर सकता है जब सदस्य ने ई-नामांकन दायर किया हो। इसलिए, आवश्यक दस्तावेजों और प्रमाणों के साथ नियोक्ता के प्रमाणीकरण के माध्यम से भौतिक रूप से दावा फ़ाइल करें।
उत्तर : यदि डेटा मेल खाता है तो सदस्य द्वारा ई-केवाईसी पोर्टल के माध्यम से यूएएन को आधार से जोड़ा जा सकता है। किसी भी सुधार के मामले में, नियोक्ता को प्रमाणित करना होगा और उसके बाद ही संबंधित भविष्य निधि कार्यालय परिवर्तन को मंजूरी देगा। अन्य सदस्य आईडी को भी यूएएन से जोड़ने की सुविधा है, लेकिन पहले यूएएन को आधार से लिंक करें।
उत्तर : कृपया सुधार के लिए यूआईडीएआई से संपर्क करें।
उत्तर : नियोक्ता के माध्यम से, आधार विवरण के साथ, संयुक्त घोषणा जमा करें।
उत्तर : निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार डीएससी पंजीकृत करें। आप ई-साइन के लिए भी पंजीकरण कर सकते हैं जो आधार आधारित है।
उत्तर : यदि सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो कोई नया नामिती (ईडीएलआई सहित भविष्य निधि के लिए) नहीं जोड़ा जा सकता है यदि वैध नामांकन पहले से उपलब्ध है। केवल सदस्य को ही नामांकन का अधिकार था। मृत्यु के बाद नामांकन नहीं ब
उत्तर : भविष्य निधि रिकॉर्ड में आधार के अनुसार डेटा अपडेट करें। यूएएन और आधार का डेटा मेल नहीं खाने से यह त्रुटि दिखाई देती है।
उत्तर : सदस्य लॉगिन में ऐसा नहीं किया जा सकता क्योंकि सदस्य की पहले ही मृत्यु हो चुकी है, तो वह कैसे अपडेट कर सकता है? तथापि, नियोक्ता द्वारा मृत्यु के कारण का उल्लेख कर के रोज़गार छोडने की तिथि का अद्यतन किया जा सकता है।
उत्तर : केवल नवीनतम बैंक खाता सक्रिय है। यदि नवीनतम खाता गलत है, तो सही खाते को जोड़ें। भारतीय स्टेट बैक के अतिरिक्त किसी अन्य बैंक खाते के मामले में, नियोक्ता को विवरण अप्रूव करना होगा और भारतीय स्टेट बैक के मामले में खाता बैंक द्वारा डिजिटल रूप से सत्यापित किया जाएगा। बैंक खाते में नाम सही होना चाहिए।
उत्तर : कोई भी सदस्य, जिसका प्रोफाइल सेक्शन पूरा हो और आधार के साथ यूएएन सत्यापित हो, नामिति का विवरण जोड़ परिवार के सदस्यों का आधार तथा अपलोड के लिए फोटो भी उपलब्ध हो तो नामिति का विवरण जोड़ा जा सकता है।
उत्तर : जी हाँ। लेकिन फिज़िकल क्लेम फाईल करने के लिए भी अब यूएएन तथा यूएएन का आधार सत्यापन होना आवश्यक है और ऐसे मामले में, आप शीघ्र कार्रवाई के लिए ऑनलाइन क्लेम फाईल कर सकते हैं।
उत्तर : बंद स्थापना के संबंध में, जहां कर्मचारी को नियोक्ता का सत्यापन प्राप्त करना मुश्किल लगता है सदस्य, प्राधिकृत अधिकारियों में से किसी एक द्वारा विधिवत अभिप्रमाणित अनुरोध, संबंधित फील्ड कार्यालय को प्रस्तुत करके केवाईसी अपडेट कर सकता है। प्राधिकृत अधिकारियों की पूरी सूची एमएपी वॉल्यूम II के पैरा 10.18 में निर्धारित है।
उत्तर : बंद स्थापना के संबंध में, जहां कर्मचारी को नियोक्ता का सत्यापन प्राप्त करना मुश्किल लगता है सदस्य, प्राधिकृत अधिकारियों में से किसी एक द्वारा विधिवत अभिप्रमाणित अनुरोध, संबंधित फील्ड कार्यालय को प्रस्तुत करके केवाईसी अपडेट कर सकता है। प्राधिकृत अधिकारियों की पूरी सूची एमएपी वॉल्यूम II के पैरा 10.18 में निर्धारित है।
उत्तर : ईपीएफ और ईपीएस के लिए अलग-अलग नौकरी छोड़ने की तिथि संभव है, कृपया ध्यान दें कि यदि सदस्य ईपीएस सदस्य नहीं है तो ईपीएस से बाहर निकलने की तिथि रिक्त हो सकती है। यह पहले भी हो सकता है कि पीएफ से बाहर निकलने की तिथि तभी हो जब सदस्य ने 58 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो। लेकिन यह पीएफ से बाहर निकलने के बाद नहीं हो सकता है। 58 वर्ष पूर्ण नहीं करने वाले ईपीएस सदस्य के लिए दोनों में नौकरी छोड़ने की तिथि समान होनी चाहिए।
उत्तर : ईपीएफ और ईपीएस के लिए अलग-अलग नौकरी छोड़ने की तिथि संभव है, कृपया ध्यान दें कि यदि सदस्य ईपीएस सदस्य नहीं है तो ईपीएस से बाहर निकलने की तिथि रिक्त हो सकती है। यह पहले भी हो सकता है कि पीएफ से बाहर निकलने की तिथि तभी हो जब सदस्य ने 58 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो। लेकिन यह पीएफ से बाहर निकलने के बाद नहीं हो सकता है। 58 वर्ष पूर्ण नहीं करने वाले ईपीएस सदस्य के लिए दोनों में नौकरी छोड़ने की तिथि समान होनी चाहिए।
उत्तर : त्रुटि के साथ संबंधित ईपीएफओ फील्ड कार्यालय से संपर्क करें क्योंकि कोई भी नियोक्ता आपके यूएएन को तभी लिंक कर सकता है जब आपने उसके साथ यूएएन और आधार साझा किया हो।
उत्तर :
  1. नियोक्ता को प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता की वर्चुअल आईडी तथा आधारभूत विवरण (नाम जन्म तिथि तथा लिंग) उपलब्ध कराना होगा। प्रणाली द्वारा आधार डेटाबेस से आधारभूत विवरण का सत्यापन किया जाएगा। विवरण के मिलान के पश्चात् प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के पंजीकरण के लिए अनुरोध पत्र सृजित किया जाएगा।
  2. संक्षिप्त प्रोसेस फ्लो निम्नानुसार है :
  3. चरण 1 : ईपीएफओ यूनिफाइड पोर्टल के इंटरफ़ेस पर लॉगिन करें। लिंक नीचे दिया गया है:https://unifiedportal-emp.epfindia.gov.in/epfo/
  4. चरण 2 : Establishment>>DSC/esign पर जाएं
  5. चरण 3 : E-sign पर क्लिक करें।
  6. चरण 4 : प्राधिकृत हस्ताक्षर करता का आधारभूत विवरण तथा वर्चुअल आईडी एंटर करें।
  7. चरण 5 : View DSC/e-sign registration पर क्लिक करें।
  8. चरण 6 : “Generate Request Letter पर क्लिक करें और स्थापना के लेटर हैड पर इसे प्रिंट करें।
  9. चरण 7 : प्राधिकृत व्यक्ति के नमूना हस्ताक्षर के पश्चात स्कैन किए गए पत्र को जो नियोक्ता द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित हो, पोर्टल पर अपलोड करें।
उत्तर :
  1. नियोक्ता, नए ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों के लिए व्यक्तिगत रूप से अथवा बल्क में निम्नलिखित चरणों का अनुसरण करके यूएएन जनरेट कर सकता है :
  2. किसी कर्मचारी के लिए यूएएन जनरेट करना ।
  3. -> नियोक्ता यूनिफाईड पोर्टल के एम्प्लायर इंटरफेस पर लॉग इन करेंगे।
  4. -> Member >>Register- Individual पर क्लिक करें ।
  5. -> कर्मचारी का विवरण जैसे पैन, आधार, जन्मतिथि, लिंग, पिता / पति का नाम, ज्वाइनिंग तिथि पर ईपीएफ वेतन, बैंक खाता तथा पैन आदि ।
  6. -> सिस्टम यूआईडीएआई डाटाबेस में नाम, जन्मतिथि तथा लिंग को वैलिडेट करेगा।
  7. -> सूचना को सेव करने के पश्चात्, रिकॉर्ड “Approval” सैक्शन में चला जाएगा।
  8. -> “Approval” सैक्शन में सभी विवरण अप्रूव करें। यूएएन आबंटित हो जाएगा।
  9. -> कोई कर्मचारी अपना यूएएन स्वयं कैसे जनरेट कर सकता है ?


  10. बल्क में यूएएन जनरेट करना
  11. यदि नियोक्ता एक बार में ही एक से अधिक कर्मचारियों का यूएएन जनरेट करना चाहता है तो नीचे दिए गए चरणों का अनुसरण किया जाना चाहिए -
  12. -> नियोक्ता, यूनिफाईड पोर्टल के एम्प्लायर इंटरफेस पर लॉग इन करे।
  13. -> Member >>Register- Bulk पर क्लिक करें ।
  14. -> फाईल अपलोड करें। (फाईल का फार्मेट “Help File” पर क्लिक करके डाउनलोड किया जा सकता है।
  15. -> “Approval” सैक्शन में फाईल अप्रूव करें। अपलोड की गई फाईल के सभी कर्मचारियों को यूएएन आबंटित हो जाएगा।
  16. कर्मचारी, यूनिफाइड सदस्य पोर्टल ‘https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface’ पर जाकर Direct UAN Allotment by Employees पर क्लिक कर अपना यूएएन जनरेट कर सकता है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आपके पास रजिस्टर्ड मोबाईल के साथ वैध आधार संख्या होना ज़रूरी है। यूएएन प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को अपना रोजगार विवरण उपलब्ध कराना होगा।
उत्तर :
  1. निम्नलिखित दस्तावेजों में से कोई भी, जन्म तिथि के वैध प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा सकता है:
  2. • जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र
  3. • स्कूल / शिक्षा से संबंधित कोई प्रमाणपत्र
  4. • केंद्र / राज्य सरकार के संगठन के सेवा रिकॉर्ड पर आधारित प्रमाणपत्र ।
  5. पासपोर्ट
  6. • किसी सरकारी विभाग द्वारा जारी कोई अन्य विश्वसनीय दस्तावेज।
  7. • उपर्युक्त में से किसी जन्मतिथि के प्रमाण के न होने पर, सिविल सर्जन द्वारा सदस्य की मेडिकल जांच करने के बाद जारी मेडिकल प्रमाणपत्र के साथ सक्षम कोर्ट द्वारा प्रमाणित सदस्य का एफिडेविट ऑन ओथ दिया जाना अपेक्षित है ।
  8. • आधार / ई-आधार :
  9. ईपीएफओ के साथ पहले दर्ज की गई जन्म तिथि में अधिकतम 3 वर्ष जोड़ने अथवा घटाने की स्वीकृति, आधार / ई-आधार के आधार पर दी जाएगी।
उत्तर : कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए गरीबों की सहायता हेतु केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज की घोषणा की इस पैकेज के एक हिस्से के रूप में, कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के रोजगार में बाधा को रोकने तथा 100 से कम कर्मचारियों वाले व्यवसायों की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने तीन माह के लिए उनके कर्मचारी भविष्य निधि खातों में मासिक वेतन के 24% का भुगतान करने का निर्णय लिया । पैकेज को लागू करने के लिए, श्रम मंत्रालय, भारत सरकार ने योजना के दिशा-निर्देशों का अनुमोदन किया ।
उत्तर : यह योजना वेतन माह - मार्च, 2020 अप्रैल, 2020 तथा मई, 2020 के लिए वैध होगी।
उत्तर :
  1. किसी भी स्थापना को लाभों हेतु पात्र होने के लिए,
  2. i. स्थापना अथवा फैक्ट्री को कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत पहले से कवर्ड तथा पंजीकृत होना चाहिए ।
  3. ii. स्थापना में काम करने वाले कर्मचारियों की कुल संख्या 100 (एक सौ) तक होनी चाहिए, जिसमें से 90% अथवा अधिक कर्मचारियों का मासिक वेतन ₹15000/- से कम होना चाहिए।
उत्तर :
  1. किसी कर्मचारी को लाभों हेतु पात्र होने के लिए,
  2. i. कर्मचारी, किसी पात्र स्थापना में ₹15000/- से कम मासिक वेतन के साथ कार्यरत हो तथा उसका यूएएन उसके आधार के साथ सीडेड हो ।
  3. ii. कर्मचारी, कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 तथा कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 का सदस्य हो तथा उसके यूएन के संबंध में किसी पात्र स्थापना द्वारा फाइल की गई ईसीआर में पिछले 6 माह के दौरान किसी भी अवधि (वेतन माह: सितंबर, 2019 से फरवरी, 2020) में उसका अंशदान प्राप्त हुआ हो ।
  4. ईसीआर में ऐसे अंशदान रूपये ₹15000/- से कम की मासिक वेतन पर प्राप्त होने चाहिएं।
उत्तर : कर्मचारी भविष्य निधि सदस्य जो 58 वर्ष की आयु पूरी हो जाने के कारण कर्मचारी पेंशन योजना के सदस्य नहीं हैं, उसके पात्र होंगे बशर्ते कि अन्य शर्तें पूरी होती हो तथा केंद्र सरकार के अंशदान को उनके कर्मचारी भविष्य निधि खाते में क्रेडिट किया जाएगा ।
उत्तर :
  1. यदि कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत पहले से कवर्ड किसी स्थापना ने ईसीआर के माध्यम से फरवरी, 2020 माह के लिए 50 कर्मचारियों का अंशदान जमा किया है तथा ईसीआर की जांच के बाद यह पाया गया कि 46 कर्मचारियों (50 कर्मचारियों का 92%) के लिए ₹15000/- से कम के वेतन पर अंशदान का भुगतान किया गया है, तो स्थापना पात्र हैं।
  2. ₹15000/- से कम वेतन पाने वाले सभी 46 कर्मचारी लाभ के पात्र है।
  3. यदि 100 तक कुल कर्मचारियों तथा ₹15000/- से कम मासिक वेतन वाले 90% अथवा अधिक कर्मचारियों की उपर्युक्त स्थिति वेतन माह मार्च, 2020, अप्रैल, 2020 तथा मई, 2020 में भी रहती है, तो स्थापना इस योजना के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र है।
उत्तर : कर्मचारियों के समग्र कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान (वेतन के 12%) तथा नियोक्ता के कर्मचारी भविष्य निधि एवं कर्मचारी पेंशन योजना अंशदान (वेतन के 12%), मासिक वेतन के कुल 24% का, अगले 3 माह के लिए केंद्र सरकार द्वारा पात्र स्थापनाओं में कार्यरत पात्र कर्मचारियों के कर्मचारी भविष्य निधि खातों (यूएएन) में सीधे भुगतान किया जाएगा ।
उत्तर : कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 की धारा 2 (एफ) के साथ-साथ, कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 में अन्य परिभाषाओं में दी गई कर्मचारी की परिभाषा यथोचित परिवर्तन सहित इस योजना पर लागू है ।
उत्तर : पात्र स्थापना में कार्यरत कर्मचारी को कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 एवं कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 का अंशदायी सदस्य होना चाहिए, जिसके यूएएन के संबंध में किसी पात्र स्थापना द्वारा फाइल की गई ईसीआर में पिछले 6 माह के दौरान किसी भी अवधि (वेतन माह सितंबर, 2019 से फरवरी, 2020) में उसका अंशदान प्राप्त हुआ हो ।
उत्तर : कर्मचारी के वेतन से काटे जाने वाले मासिक वेतन के 12% मासिक कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान का भुगतान अब पात्र कर्मचारी के कर्मचारी भविष्य निधि खाते में केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। इस तरह पात्र कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं होगी जिससे वह अधिक वेतन प्राप्त कर सकेगा । चूंकि नियोक्ता को भी उसके भाग हेतु सरकार द्वारा सहायता दी जा रही है, इससे कम वेतन पाने वालों की नौकरी जाने पर रोक लगेगी तथा कर्मचारियों को वेतन का भुगतान सुनिश्चित होगा ।
उत्तर : पात्र स्थापना के नियोक्ता को अपनी स्थापना के पात्र कर्मचारियों के मासिक वेतन का 12% की दर से कर्मचारी भविष्य निधि एवं कर्मचारी पेंशन योजना के अपने भाग का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, इस तरह नियोक्ता को इस राशि की बचत होती है। यह छोटे उद्योगों के नियोक्ताओं को अपने सभी कर्मचारियों को बनाए रखने तथा उन्हें वेतन का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहन है ।
उत्तर : यदि कोई पात्र कर्मचारी रुपए 10000/- तक मासिक वेतन प्राप्त करता है, तो रुपए 1200/- जो उसके मासिक वेतन से कटौती के पश्चात कर्मचारी भविष्य निधि में भुगतान किए जाने थे, यह राशि अब केंद्र सरकार द्वारा भुगतान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, उपर्युक्त मामले में नियोक्ता को अपनी ओर से रुपए 1200/- व्यय करने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि इसका भुगतान केंद्र सरकार की तरफ से किया जाएगा ।
उत्तर : पात्र स्थापना में पात्र कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि एवं कर्मचारी पेंशन योजना अंशदान का संपूर्ण दायित्व केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। पात्र स्थापना के नियोक्ता, सभी कर्मचारियों के लिए ईडीएलआई अंशदान तथा कर्मचारी भविष्य निधि प्रशासनिक प्रभारों का भुगतान करने के साथ-साथ सभी अपात्र कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि एवं कर्मचारी पेंशन योजना का भुगतान करना जारी रखेंगे ।
उत्तर : जी हां, बशर्ते कि स्थापना प्रश्न तीन के उत्तर में उल्लिखित पात्रता की शर्ते पूरी करती हो।
उत्तर : जी हां, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ऐसी सभी स्थापनाओं के नियोक्ताओं के लॉगइन में कर्मचारियों को वेतन से भुगतान तथा ईसीआर फाईल करने के लिए संप्रेषित करेगा। तथापि पात्रता को नियोक्ता द्वारा वेतन माह मार्च, 2020, अप्रैल, 2020 तथा मई, 2020 के लिए ईसीआर फाइल करने पर तथा फार्म 5ए में दी गई सूचना के संदर्भ में वैध माना जाएगा ।
उत्तर : योजना के अंतर्गत लाभ हेतु दावा करने के लिए किसी भी पात्र स्थापना के नियोक्ता द्वारा स्थापना के सभी कर्मचारियों को, पात्र कर्मचारियों के वेतन से कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान की कटौती किए बिना माह के लिए वेतन /मजदूरी का भुगतान, तथा माह के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान सह रिटर्न (ईसीआर) फाइल की जानी है ।
उत्तर : प्रत्येक पात्र स्थापना को तीनों महीनों के लिए प्रत्येक माह हेतु अपने पात्र तथा अपात्र कर्मचारियों दोनों के साथ अपने कुल कर्मचारियों के संबंध में केवल एक वैध ईसीआर फाइल करनी है।
उत्तर : फार्म 5ए (स्वामित्व रिटर्न) में स्थापना की सभी शाखाओं तथा विभागों का विवरण तथा कोड संख्या, यदि शाखाओं की प्रशासनिक सुविधा हेतु ली गई हो, का विवरण होना चाहिए। नियोक्ता अपने अनुमोदित डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र (डीएससी) का प्रयोग करके फार्म 5ए को ऑनलाइन अपडेट कर सकता है ।
उत्तर : एक बार पात्र स्थापना के नियोक्ता द्वारा ईसीआर अपलोड किए जाने के पश्चात चालान, कर्मचारियों एवं नियोक्ता के भाग वाले अंशदान की ऐसी राशि को इस योजना के अंतर्गत पात्र कर्मचारियों को देय केंद्र सरकार राहत के रूप में तथा शेष राशि को नियोक्ता द्वारा देय राशि के रूप में प्रदर्शित करेगा । जैसा कि ऊपर उल्लेख है, चालान में प्रदर्शित राशि का जो नियोक्ता द्वारा देय है के भुगतान के पश्चात, पात्र कर्मचारियों के संबंध में कर्मचारी भविष्य निधि एवं कर्मचारी पेंशन योजना अंशदान सीधे उनके संबधित यूएएन में केंद्र सरकार द्वारा क्रेडिट किए जाएंगे ।
उत्तर : नियोक्ता को फार्म 5ए में सही सूचना फाइल करना, कर्मचारियों की कुल संख्या के संबंध में विवरण अथवा घोषणा, वेतन का संवितरण, ईसीआर में वेतन की राशि तथा स्थापना का पूर्ण विवरण देना सुनिश्चित करना होगा। ईसीआर प्रस्तुत करते समय योजना के 6(vii) के अंतर्गत निर्धारित प्रारूप में एक प्रमाणपत्र /घोषणा नियोक्ता द्वारा फाइल की जाएगी। यदि यह पाया जाता है कि ईसीआर में अथवा फार्म 5ए में एवं अन्यथा इलेक्ट्रॉनिक रूप में दी गई सूचना अथवा की गई घोषणा असत्य / गलत है तो नियोक्ता, राहत वापस करने एवं कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत इस उल्लंघन के लिए दंडात्मक कार्रवाई हेतु उत्तरदाई होगा ।
उत्तर : इस पैकेज के अंतर्गत, कभनि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत कवर्ड सभी वर्गों की स्थापनाओं के लिए, नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए, कभनि अंशदान की मौजूदा सांविधिक दर 12 प्रतिशत से घटाकर मूल वेतन और महंगाई भत्ते की 10 प्रतिशत कर दी गई है।
उत्तर : कभनि अंशदान की दर 12% से घटाकर मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10% करने का उद्देश्य, 4.3 लाख कर्मचारियों/सदस्यों और 6.5 लाख स्थापनाओं के नियोक्ताओं, दोनों को महामारी की स्थिति में नकदी के तत्काल संकट से निपटने में कुछ सीमा तक सहायता पहुंचाना है।
उत्तर : वेतन माह मई, 2020, जून, 2020 और जुलाई, 2020 के लिए अंशदान की सांविधिक दर 12% से घटाकर 10% करने हेतु भारत के राजपत्र में प्रकाशित एसओ 1513 (ई) दिनांक 18.05.2020 द्वारा अधिसूचित किया गया है। यह अधिसूचना कभनिसं वेबसाइट के होम पेज पर टैब- कोविड-19 के अंतर्गत उपलब्ध है।
उत्तर : वेतन माह मई, 2020, जून, 2020 और जुलाई, 2020 के लिए अंशदान की सांविधिक दर 10% होगी।
उत्तर : यह, केंद्र और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों अथवा केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के स्वामित्व या इसके नियंत्रण में अथवा इसके अधीन नियंत्रित होने वाली अन्य स्थापनाओं को छोड़कर, कभनि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत कवर्ड सभी वर्गों की स्थापनाओं पर लागू है, पीएमजीकेवाई लाभों के लिए पात्र स्थापनाओं पर भी घटी हुई दर लागू नहीं है, क्योंकि सभी कर्मचारियों का कभनि अंशदान (वेतन का 12%) और नियोक्ता का कभनि और कपेंयो अंशदान (वेतन का 12%), मासिक वेतन का कुल 24% अंशदान केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
उत्तर : जी हाँ, घटी हुई दर छूट प्राप्त स्थापनाओं पर भी लागू है।
उत्तर : अंशदान की सांविधिक दर 12% से घटकर 10% होने के परिणामस्वरूप, कर्मचारी की कभनि अंशदान की कटौती घटने के कारण वह अधिक वेतन प्राप्त कर सकेगा और नियोक्ता की देयता भी अपने कर्मचारियों के वेतन का 2% कम हो जाएगी। यदि मासिक कभनि वेतन 10,000/- रुपए है तो कर्मचारी के वेतन से 1200/- रुपए की बजाय केवल 1000/- रुपए की कटौती होगी और नियोक्ता को कभनि अंशदान के 1200/- रुपए की बजाय केवल 1000/- का भुगतान करना होगा।
उत्तर : कॉस्ट टू कंपनी (सी टी सी) मॉडल में यदि मासिक कभनि वेतन रुपए 10,000/- है तो कर्मचारी नियोक्ता से सीधे 200/- रुपए अधिक प्राप्त करता है चूंकि नियोक्ता का कभनि / कपेंयो अंशदान कम हो जाता है और उसके वेतन से 200/- रुपए कम की कटौती होती है।
उत्तर : जी हाँ। मई-जुलाई, 2020 के वेतन माह के दौरान कवर्ड स्थापनाएं, कवरेज की तिथि से लेकर पात्र शेष अवधि तक घटी हुई दर के लिए पात्र होंगी।
उत्तर : क.भ.नि. प्रशासनिक प्रभार (न्यूनतम निर्धारित क.भ.नि. वेतन का 0.5%) और क.नि.स.बी. अंशदान (वेतन का 0.5%) जो दोनों नियोक्ताओं द्वारा देय हैं, में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
उत्तर : स्थापना को स्वयं इलेक्ट्रॉनिक-चालान- सह रिटर्न (ईसीआर) के माध्यम से कम दर पर बकाया राशि का प्रेषण करना है।
उत्तर : अंशदान की घटी हुई दर (10%), पैकेज की अवधि के दौरान अंशदान की न्यूनतम दर है। नियोक्ता, कर्मचारी या दोनों उच्च दर पर भी अंशदान कर सकते हैं।
उत्तर : नियोक्ता के क.भ.नि. अंशदान से वेतन का 8.33% (रु.15000/ - की सीमा के अधीन) क.पें.यो. अंशदान के लिए लिया जाता है। क.भ.नि. अंशदान, 10% दर तक घटाने से, पेंशन अंशदान या लाभ में कमी नहीं होगी।
उत्तर : जी हां, भुगतान की तिथि को ध्यान में रखे बिना, तीन वेतन माह - मई, 2020, जून, 2020 एवं जुलाई, 2020 के लिए अंशदान की दर 10% है ।
उत्तर : जी हाँ। पीएमआरपीवाई के लाभ उठाने वाली स्थापनाएं, घटी हुई दर पर अंशदान कर सकती हैं।
उत्तर : वे स्थापनाएं, जो पहले से ही एसओ 320 (ई) दिनांक 09.04.1997 के माध्यम से अंशदान की घटी हुई दर (10%) के पात्र थे, अंशदान की दर में और कमी के लिए पात्र नहीं हैं।
उत्तर : ऐसे मामले में, वेतन पर्ची जिसमें वेतन से कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान की कटौती का स्पष्ट उल्लेख हो, की प्रति सहित नियोक्ता के खिलाफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (https:epfigms.gov.in/epfoffice) से शिकायत की जा सकती है। नियोक्ता से देय की वसूली के लिए अधिनियम की सांविधिक दांडिक उपबंधों को स्थापना / नियोक्ता के विरुद्ध लागू किया जाएगा। किसी भी व्यक्ति द्वारा आपराधिक कार्यवाही आरंभ करने हेतु भारतीय दंड संहिता की धारा 406/ 409 के अंतर्गत पुलिस के पास भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।
उत्तर : जी नहीं, कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 का पैराग्राफ 31 नियोक्ता अंशदान को वेतन अथवा अन्य प्रकार से सदस्य से वसूली को प्रतिबंधित करता है ।
उत्तर : जी नहीं, कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 की धारा 10, सदस्य के खाते में, भविष्य निधि, पेंशन निधि एवं बीमा निधि में जमा राशि की सभी प्रकार की कुर्की से सुरक्षा प्रदान करती है।
उत्तर : नियोक्ता को, सदस्य को वेतन का भुगतान करने से पूर्व उसके वेतन से कर्मचारी अंशदान की कटौती करके इसका भुगतान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को करना होता है।
उत्तर : अधिनियम की धारा 8ए मूल नियोक्ता को सांविधिक दायित्व देती है कि वह सुनिश्चित करे कि नियोक्ता अपनी देयताओं का भुगतान करें। मूल नियोक्ता ठेकेदार के कर्मचारी भविष्य निधि सदस्यों के संबंध में सभी कर्मचारी भविष्य निधि देयों की वसूली उक्त ठेकेदार को देय किसी राशि से कर सकता है। इसके अलावा, योजना के पैराग्राफ 30 में उपबंध है कि प्रथमत:, नियोक्ता सीधे अथवा ठेकेदार के माध्यम से सेवारत सभी कर्मचारियों के कर्मचारी भविष्य निधि देयों का भुगतान करेगा।
उत्तर : एक कर्मचारी, जो अधिनियम के तहत कवर्ड किसी स्थापना में काम कर रहा है, और वह क.भ.नि. योजना का सदस्य बनने का पात्र है, लेकिन सदस्य के रूप में नामांकित नहीं है, तो उसे तुरंत अपने सभी विवरणों और अपने रोजगार के दस्तावेजी साक्ष्य के साथ निकटतम क.भ.नि. कार्यालय से संपर्क करना चाहिए।
उत्तर : चूंकि यह अधिनियम किसी स्थापना पर समग्र रूप में लागू होता है; अतः उसके सभी कर्मचारी, यदि इस योजना के सदस्य बनने का पात्र हों, तो उनके कार्यस्थल या जगह को ध्यान में रखे बिना उनका नामांकन किया जाना चाहिए।
उत्तर : कोई कर्मचारी, जो अधिनियम के तहत कवर्ड स्थापना में काम कर रहा है और जो क.भ.नि. योजना, 1952 के पैराग्राफ 2 (एफ) के आधार पर दायरे से बाहर नहीं है, योजना के सदस्य के रूप में नामांकित किए जाने का पात्र है।
उत्तर : नियोक्ता के हस्तक्षेप के बिना आधार के साथ अपने यूएएन का स्व वैधीकरण करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पोर्टल के साथ-साथ उमंग मोबाइल ऐप पर सदस्य को ऑनलाइन ई-केवाईसी सुविधा उपलब्ध है । चूंकि वैधीकरण ऑनलाइन है, यूएएन में आधार की सीडिंग भी अब की जा सकती है।
उत्तर : सदस्य पासबुक को ब्याज सहित अद्यतन करना एक प्रविष्टि प्रक्रिया है। जिस तारीख को सदस्य की पासबुक में ब्याज दर्ज किया जाता है, उसका कोई वास्तविक वित्तीय असर नहीं होता है क्योंकि उसके चल रहे मासिक शेष पर वर्ष के लिए अर्जित ब्याज हमेशा उस वर्ष के अंत शेष में जोड़ा जाता है और यह अगले वर्ष के लिए आदि शेष बन जाता है। इसलिए, सदस्य को अपनी पासबुक में ब्याज अद्यतन करने में देरी होने की स्थिति में कोई वित्तीय नुकसान नहीं होता है। इसके अलावा, यदि कोई सदस्य अपनी पासबुक में ब्याज अद्यतन होने से पहले अपने ईपीएफ देयों को निकाल लेता है, तो उस मामले में भी उसके दावा निपटान के समय, देय ब्याज की गणना की जाती है और सिस्टम द्वारा स्वचालित रूप से देय होने की तारीख से इसकी गणना और भुगतान किया जाता है। इसलिए, उल्लेख किए गए बाद वाले मामले में भी किसी सदस्य को कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है।
उत्तर :
  1. 1. विकल्प / संयुक्त विकल्प के सत्यापन के लिए आवेदन जमा करते समय आवेदक द्वारा पैरा 26 (6) के अंतर्गत अपलोड की गई, अथवा कार्यालय में उपलब्ध अनुमति ।
  2. 2. यदि पैरा 26(6) के अंतर्गत अनुमति आसानी से उपलब्ध नहीं है तो क्षेत्रीय कार्यालयों को सत्यापित करना चाहिए कि:
  3. क) भ.नि. के नियोक्ता के हिस्से के अंशदान का भगुतान, कर्मचारी के, उस समय की वैधानिक सीमा 5000/6500/15000 रुपये प्रति माह, से ऊपर के वेतन पर, जिस दिन से वेतन, वेतन सीमा से अधिक हो गया था अथवा 16.11.95 से, जो भी बाद में हो, आज की तारीख तक/ सेवानिवृत्ति या सेवानिवृत्ति की तारीख किया गया , जैसा भी मामला हो; और
  4. ख) नियोक्ता द्वारा देय प्रशासनिक शुल्क का भुगतान कर दिया गया है; और
  5. ग) प्राप्त अंशदान के आधार पर, ईपीएफएस, 1952 के पैरा 60 के अनुसार कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में ब्याज को अद्यतित किया गया है; और
  6. घ) पैरा 26(6) के अंतर्गत संयुक्त विकल्प और अनुमति के प्रमाण के रूप में विकल्प/संयुक्त विकल्प के सत्यापन के लिए आवेदन के साथ निम्नलिखित में से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है।
  7. • विकल्प/संयुक्त विकल्पों के सत्यापन के लिए आवेदन के साथ नियोक्ता द्वारा प्रस्तुत वेतन विवरण
  8. • नियोक्ता द्वारा प्रमाणित नियोक्ता से प्राप्त कोई भी वेतन पर्ची/पत्र
  9. • नियोक्ता से संयुक्त अनुरोध और वचन पत्र की प्रति
  10. • 04.11.2022 से पहले जारी भविष्य निधि कार्यालय से ऐसा पत्र जो उच्च वेतन पर भविष्य निधि अंशदान दर्शाता है
  11. वे आवेदक जो उपर्युक्त 2(क) से(घ) में अर्हता प्राप्त करते हैं और वास्तविक (उच्च) वेतन पर पहले से ही अंशदान कर रहे हैं/सेवानिवृत्ति/अधिवर्षिता तक अंशदान कर चुके हैं, यदि उन्होंने अपने संयुक्त अनुरोध और नियोक्ता के वचन पत्र को प्रस्तुत नहीं किया है, तो वे इसे उनके अंतिम नियोक्ता के माध्यम से अंतिम दावा निपटान के समय जमा कर सकते हैं। । माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 04.11.2022 के निर्णय के अनुसार उच्च वेतन पर पेंशन प्रदान करने से पहले किसी भी समय पेंशनभोक्ताओं/सदस्यों द्वारा पैरा 26(6) (प्रोफार्मा संलग्न) के अंतर्गत अनुमति के लिए संयुक्त अनुरोध और नियोक्ता का वचन पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है।
उत्तर : जी नहीं, क्षे.भ.नि.आ उत्तर 1 में उल्लिखित किसी दस्तावेज़ को नियोक्ता से प्राप्त करेगा और विकल्प / संयुक्त विकल्प के सत्यापन के लिए कोई आवेदन केवल इस आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता है, यदि अन्यथा पात्र हो। यह सुनिश्चित करना क्षे.भ.नि.आ का कर्तव्य होगा कि ऊपर दिए गए उत्तर 1 में उल्लिखित कोई भी प्रमाण नियोक्ता से प्राप्त किया गया है।
उत्तर : पेंशन की गणना ईपीएस 95 के पैरा 12 के अनुसार होगी। पेंशन शुरू होने की तारीख पेंशन योग्य सेवा, पेंशन योग्य वेतन और पेंशन की गणना के लिए लागू सूत्र का निर्धारण करेगी।
उत्तर : चूंकि पेंशन के प्रारंभ होने की तिथि 01.09.2014 से पहले है, पेंशन योग्य वेतन की गणना पेंशन निधि की सदस्यता से बाहर निकलने की तारीख से पूर्व 12 महीने की अवधि में सेवा की अंशदायी अवधि के दौरान प्राप्त औसत मासिक वेतन के आधार पर की जाएगी।
उत्तर : चूंकि पेंशन के प्रारंभ होने की तिथि 01.09.2014 को या उसके बाद है, सदस्य के पेंशन योग्य वेतन की गणना सदस्यता से बाहर निकलने की तारीख से पूर्व 60 महीने की अवधि में सेवा की अंशदायी अवधि के दौरान प्राप्त औसत मासिक वेतन के आधार पर की जाएगी।
उत्तर :
  1. सदस्य के पेंशन योग्य वेतन की गणना पेंशन प्रारंभ होने की तिथि पर निर्भर करेगी। उदाहरण के लिए:-
  2. i.'ए' 01.01.2015 को 60 वर्ष की आयु में स्थापना 'X' से सेवानिवृत्त हुआ। भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि 01.01.2015 है, ईपीएस, 1995 हेतु उन्हें 58 वर्ष की आयु में यानी 01.09.2014 से पहले सेवानिवृत्त माना जाएगा। तदनुसार, उनके पेंशन योग्य वेतन की गणना पेंशन निधि की सदस्यता से बाहर निकलने की तारीख से पूर्व 12 महीने की अवधि में सेवा की अंशदायी अवधि के दौरान प्राप्त औसत मासिक वेतन के आधार पर की जाएगी।
  3. ii.'बी' 01.01.2012 को 50 वर्ष की आयु में स्थापना 'X' से सेवानिवृत्त हुआ। भले ही वह 2012 में सेवानिवृत्त हुए हों, लेकिन वे 58 वर्ष की आयु में यानी 01.09.2014 के बाद पेंशन लेने का विकल्प चुन सकते हैं। तदनुसार, उनके पेंशन योग्य वेतन की गणना पेंशन निधि की सदस्यता से बाहर निकलने की तारीख से पूर्व 60 महीने की अवधि में सेवा की अंशदायी अवधि के दौरान प्राप्त औसत मासिक वेतन के आधार पर की जाएगी।
उत्तर : पेंशन की गणना ईपीएस, 1995 के उन उपबंधों के आधार पर की जाएगी, जो पेंशन शुरू होने की तारीख पर मौजूद होंगे।
उत्तर : पेंशनभोक्‍ताओं को पेंशन के बकाया का भुगतान मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार किया जाएगा जिससे टीडीएस से संबंधित आयकर उपबंधों का अनुपालन किया जा सके।